Pakistan Election 2024: अमेरिका ने खोल दी पोल, 8 फरवरी को पाकिस्तान चुनाव में जमकर धांधली, किया उजागर
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 20, 2024 03:07 PM2024-03-20T15:07:14+5:302024-03-20T15:08:26+5:30
Pakistan Election 2024: ‘चुनावों के बाद पाकिस्तान: पाकिस्तान में लोकतंत्र के भविष्य की जांच और अमेरिका-पाकिस्तान संबंध’ विषय पर सुनवाई कर रही है। लू वही राजनयिक है जिनकी अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत असद मजीद को कथित चेतावनी, इस्लामाबाद में दूत द्वारा भेजे गए एक ‘साइफर’ (गुप्त राजनयिक संदेश) का विषय थी।
Pakistan Election 2024: अमेरिका ने पाकिस्तान में आठ फरवरी को हुए आम चुनावों में अनियमितताओं को उजागर करते हुए नकदी संकट से जूझ रहे इस देश के लोकतांत्रिक संस्थानों को मजबूत करने तथा आतंकवादी खतरों का मुकाबला करने के लिए सहयोग करने की अमेरिकी प्रतिबद्धता व्यक्त की है। सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू बुधवार को संसदीय समिति के समक्ष बयान दर्ज कराएंगे, जो ‘चुनावों के बाद पाकिस्तान: पाकिस्तान में लोकतंत्र के भविष्य की जांच और अमेरिका-पाकिस्तान संबंध’ विषय पर सुनवाई कर रही है। लू वही राजनयिक है जिनकी अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत असद मजीद को कथित चेतावनी, इस्लामाबाद में दूत द्वारा भेजे गए एक ‘साइफर’ (गुप्त राजनयिक संदेश) का विषय थी।
उसी राजनयिक संचार का इस्तेमाल बाद में जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने 2022 में उनकी सरकार को हटाने की अमेरिकी साजिश का आरोप लगाने के लिए किया था। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक पर उसी गोपनीय दस्तावेज के दुरुपयोग के आरोप में मुकदमा चल रहा है।
मंगलवार को अपलोड की गई लिखित गवाही में, लू ने दोनों देशों से संबंधित कई मुद्दे उठाए और पाकिस्तान में अमेरिकी नीति के बारे में आगे की रूपरेखा रखी। उन्होंने उल्लेख किया कि विदेश विभाग ने पिछले महीने पाकिस्तान में आम चुनाव के एक दिन बाद एक स्पष्ट बयान जारी किया था, जिसमें अभिव्यक्ति, संघ और शांतिपूर्ण सभा की स्वतंत्रता पर अनुचित प्रतिबंधों को रेखांकित किया गया था।
उन्होंने कहा कि विदेश विभाग ने चुनावी हिंसा और मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता पर प्रतिबंधों के साथ-साथ मीडिया कर्मियों पर हमलों और इंटरनेट और दूरसंचार सेवाओं तक पहुंच पर प्रतिबंधों की निंदा की। उन्होंने कहा, “हम विशेष रूप से चुनाव से पहले के हफ्तों में हुई चुनावी दुर्व्यवहार और हिंसा की घटनाओं के बारे में चिंतित थे।”