पाकिस्तान: जनरल असीम मुनीर ने 17वें सेना प्रमुख के रूप में संभाली कमान, पुलवामा अटैक के समय थे आईएसआई के चीफ
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: November 29, 2022 10:36 PM2022-11-29T22:36:49+5:302022-11-29T22:42:24+5:30
पाकिस्तान में जनरल कमर जावेद बाजवा के सेना प्रमुख के पद से रिटायर होने के बाद जनरल असीम मुनीर पाकिस्तानी सेना के 17वें प्रमुख बन गए हैं।
इस्लामाबाद: जनरल असीम मुनीर ने मंगलवार को रावलपिंडी में सेना के जनरल हेडक्वार्टर में नए सेना प्रमुख का कार्यभार संभाल लिया। सेना प्रमुख के पद से रिटायर होने वाले जनरल कमर जावेद बाजवा ने उन्हें सेना की कमान सौंपी। इसके साथ ही जनरल मुनीर पाकिस्तान सेना के 17वें प्रमुख बन गए हैं।
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पिछले हफ्ते ही जनरल मुनीर को जनरल बाजवा की जगह नये सेना के प्रमुख के तौर पर चुना था। जनरल असीम मुनीर को कार्यभार सौंपने से पहले पद से रिटायर हो रहे जनरल बाजवा ने कहा कि वह पाकिस्तान सरकार के शुक्रगुजार हैं कि उन्हें सेना के नेतृत्व का अवसर दिए गया।
इसके साथ ही जनरल बाजवा ने जनरल मुनीर को 17वें सेना प्रमुख के तौर पर नियुक्त होने की बधाई भी दी। जनरल बाजवा ने उम्मीद जताई कि जनरल मुनीर के नेतृत्व में पाक सेना उम्दा प्रदर्शन करेगी। उन्होंने कहा कि जनरल मुनीर के साथ उनका जुड़ाव 24 साल पुराना है।
जनरल बाजवा ने कहा, "पाक सेना में दशकों पहले शुरू हुआ मेरा सफर आज खत्म हो रहा है। मैं अल्लाह का शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने मुझे इस सेना की कमान संभालने का मौका दिया। यह मेरे जीवन का बहुत "बड़ा सम्मान" है।"
मालूम हो कि नये सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर सेना प्रमुख बनने से पाक सेना में क्वॉर्टरमास्टर जनरल के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे थे। रावलपिंडी में एक टीचर के घर पैदा होने वाले जनरल मुनीर ऑफिसर्स ट्रेनिंग स्कूल के छात्र रहे हैं और उन्होंने पढ़ाई के दौरान प्रतिष्ठित ‘स्वॉर्ड ऑफ ऑनर’ पुरस्कार भी जीता है। जनरल मुनीर 1986 में 23 फ्रंटियर फोर्स रेजिमेंट में नियुक्त हुए थे।
चूंकि उन्हें‘हाफिज-ए-कुरान’ माना जाता है, इस कारण कयास लग रहे हैं कि मुनीर द्वारा सेना की कमान संभाले जाने के बाद पाक फौज में धार्मिक रसूख बढ़ सकता है। जनरल मुनीर पाकिस्तान के नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट हैं. उन्होंने फूजी स्कूल, जापान और मलेशियाई सशस्त्र बल कॉलेज, कुआलालंपुर में भी पढ़ाई की है।
साल 2019 में जब पुलवामा हमला हुआ था तो जनरल मुनीर उस समय आईएसआई चीफ थे। जैश-ए-मोहम्मद के फिदायीन हमले में सीआरपीएफ के दर्जनों जवानों को मौत हो गई थी। इस हमले के कारण भारत और पाकिस्तान के बीच लगभग युद्ध जैसे हालात बन गए थे।