इस्लामाबाद, 20 अगस्तःपाकिस्तान के नवनिर्वाचित विदेश मंत्री एसएम कुरैशी ने भारत से रिश्ते सुधारने के लिए बातचीत ही एकमात्र रास्ता बताया है। जियो टीवी के मुताबिक कुरैशी ने कहा कि देशों देशों के बीच कश्मीर एक बड़ा मसला है जिसे हमें बातचीत से हल करना होगा। कुरैशी ने भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को सीधा संबोधित करते हुए कहा, 'हम पड़ोसी हैं। हमारे बीच मसले हैं। लेकिन रूठकर एक दूसरे से मुंह नहीं मोड़ सकते। हमें तस्लीम करना होगा कि हम चाहें या ना चाहें लेकिन कश्मीर एक मसला है।'
कुरैशी ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के दोस्ती के प्रयासों को रेखांकित किया। कुरैशी ने कहा, 'अटल बिहारी वाजपेयी इस दुनिया में नहीं हैं। हमारे कानून मंत्री उनके अंतिम संस्कार में पहुंचे थे। उन्होंने बातचीत की दिशा में प्रयास किए। वो पाकिस्तान तशरीफ लाए। वो लाहौर और इस्लामाबाद गए।' इस बीच कुरैशी ने कश्मीर मसले पर बयान देते हुए कहा कि वाजपेयी ने अपनी यात्रा में दोनों देशों के बीच कश्मीर मसले को मान्यता दी थी।
कुरैशी ने कहा कि भारत और पाकिस्तान को वास्तविकता के धरातल पर आगे बढ़ना चाहिए। साथ ही उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इमरान खान को लिखे खत का भी जिक्र किया जिसमें दोनों देशों के बीच बातचीत शुरू करने के संकेत दिए गए हैं।
कुरैशी ने कहा कि हमारे रास्ते में लोग मुश्किलें खड़ी करेंगे लेकिन हमने निश्चय कर लिया है। कुरैशी ने कहा कि विदेश मंत्री की अनुपस्थिति में कुछ ताकतें पाकिस्तान को पीछे ढकेलने की कोशिश करती रहीं हैं। लेकिन वो अब पाकिस्तान को अलग-थलग नहीं पड़ने देंगे।
कुरैशी ने कहा कि विदेश मंत्रालय में कई जानकार अधिकारी काम करते हैं और मैं उनसे सलाह लूंगा। इसके अलावा पूर्व विदेश मंत्री हिनी रब्बानी खार और ख्वाजा आसिफ से भी सलाह लेने की बात कही।