पाकिस्तान: कर्ज चुकाने के पैसे नहीं, आईएमएफ से भी नहीं मिली मदद, दिवालिया होने के कगार पर पहुंचा देश

By शिवेंद्र राय | Published: February 10, 2023 07:12 PM2023-02-10T19:12:41+5:302023-02-10T19:14:33+5:30

पाकिस्तान में जनवरी में महंगाई पिछले साल की तुलना में 27 फीसदी बढ़ चुकी है। पाकिस्तान के पास पुराने कर्जों की किश्तें चुकाने के लिए भी पैसे नहीं बचे हैं और उसे आने वाले कुछ महीनों के दौरान मूल कर्ज और ब्याज मिला कर 9 अरब डॉलर चुकाने हैं।

Pakistan economy is collapsing International Monetary Fund Refusal On Debt Crisis | पाकिस्तान: कर्ज चुकाने के पैसे नहीं, आईएमएफ से भी नहीं मिली मदद, दिवालिया होने के कगार पर पहुंचा देश

पाकिस्तान की मुसीबतें दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही हैं

Highlightsआईएमएफ से नहीं मिली पाकिस्तान को राहतआईएमएफ ने कर्ज देने का फैसला टालापाकिस्तान के पास पुराने कर्ज चुकाने के पैसे भी नहीं बचे

नई दिल्ली: आर्थिक बदहाली का सामना कर रहे पाकिस्तान की मुसीबतें दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही हैं। देश का विदेशी मुद्रा भंडार पूरी तरह समाप्त होने वाला है और इसी बीच अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से भी राहत मिलने के आसार समाप्त होते नजर आ रहे हैं। पाकिस्तान सरकार और आईएमएफ के बीच जारी बातचीत बेनतीजा खत्म हो गई है। राहत पैकेज के लिए कोई समझौता नहीं हो पाया है और हालात ऐसे हैं कि देश दिवालिया होने की कगार पर है।

तीन फरवरी 2023 को जारी किए गए आंकड़े के अनुसार पाकिस्तान के पास सिर्फ 2.91 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार बचा रह गया था। देश को चलाने और जरूरी वस्तुओं के आयात के लिए पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से तत्काल  1.1 अरब डॉलर की मदद की जरूरत थी लेकिन अब यह किश्त रुक गई है।

आईएमएफ ने क्यों रोकी राहत

आईएमएफ से हुए एक करार के मुताबिक पाकिस्तान को 6.5 अरब डॉलर का बेलआउट पैकेज मिलना था। इसकी पहली किश्त के रुप में पाकिस्तान को  1.1 अरब डॉलर की मदद मिलनी थी। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने बेलआउट पैकेज के लिए पाकिस्तान सरकार के सामने कुछ शर्तें रखी थीं जिन्हें सरकार नहीं पूरा कर सकी।

आईएमएफ ने पाकिस्तान सरकार को साफ-साफ बता दिया था कि बेलआउट पैकेज के लिए पाकिस्तान सरकार को सब्सिडी घटानी होगी और अपना राजस्व स्थायी तौर पर बढ़ाना होगा इसके अलावा भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े कदम उठाने होंगे ताकि वापस भुगतान में कोई समस्या न हो। 

पाकिस्तान ये शर्तें समय पर पूरी नहीं कर पाया। हालांकि पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशहाक डार का कहना है कि आईएमएफ से समझौते का ड्राफ्ट मिल चुका है और आने वाले सोमवार को आईएमएफ के साथ एक और बैठक होगी।

बता दें कि पाकिस्तान में जनवरी में महंगाई पिछले साल की तुलना में 27 फीसदी बढ़ चुकी है। पाकिस्तान के पास पुराने कर्जों की किश्तें चुकाने के लिए भी पैसे नहीं बचे हैं और उसे आने वाले कुछ महीनों के दौरान मूल कर्ज और ब्याज मिला कर 9 अरब डॉलर चुकाने हैं। अगर पाकिस्तान पुराने कर्ज नहीं चुका पाता है तो उसके दिवालिया घोषित होने का खतरा भी है।

Web Title: Pakistan economy is collapsing International Monetary Fund Refusal On Debt Crisis

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