बलूचिस्तान:पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में रविवार को चीनी इंजीनियरों के एक काफिले पर सशस्त्र विद्रोहियों ने हमला कर दिया।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, बंदरगाह शहर ग्वादर में विस्फोटों और गोलियों की आवाज सुनी जा सकती है, जहां सभी सड़कें यातायात के लिए बंद हैं।
इसमें कहा गया है कि सरकारी अधिकारियों ने आखिरकार ग्वादर में चीनी इंजीनियरों पर हमले की पुष्टि कर दी है।
बलूचिस्तान पोस्ट ने एक मीडिया विज्ञप्ति का हवाला देते हुए बताया कि चीनी इंजीनियरों के काफिले पर हमला सुबह करीब 9:30 बजे हुआ और लगभग दो घंटे से भीषण गोलीबारी जारी है। बताया जा रहा है कि यह हमला ग्वादर के फकीर कॉलोनी के पास हुआ।
इलाके में अलर्ट
जानकारी के अनुसार, हमले के कारण नागरिकों को घरों में रहने को कहा गया है। बलूच लिबरेशन आर्मी बीएलए के आत्मघाती दस्ते माजिद ब्रिगेड ने आज के हमले की जिम्मेदारी ली है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान में चीनी वाणिज्य दूतावासों ने बलूचिस्तान और सिंध में अपने नागरिकों को अगले आदेश तक अपने घरों के अंदर ही रहने के आदेश जारी किए हैं।
बता दें कि पिछले साल मई में कराची विश्वविद्यालय में चीन निर्मित कन्फ्यूशियस संस्थान के कर्मचारियों को ले जा रही एक मिनीबस पर एक बुर्का पहने बलूच महिला आत्मघाती हमलावर ने हमले में तीन चीनी नागरिकों (शिक्षकों) सहित चार लोगों की हत्या कर दी थी।
बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने हमले की जिम्मेदारी ली है, जो पिछले साल पाकिस्तान में काम कर रहे सदाबहार सहयोगी चीन के नागरिकों के खिलाफ पहला बड़ा हमला था।
पहले भी हुई ऐसी घटनाएं
जुलाई 2021 में, उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान में इंजीनियरों को ले जा रही एक बस पर बमबारी की गई। नौ चीनी श्रमिकों सहित तेरह लोगों की मौत हो गई। दबाव में आकर पाकिस्तान ने मारे गए चीनी श्रमिकों के परिवारों को लाखों का मुआवजा दिया। चीन ने हमले की जांच के लिए अपनी टीम भेजी।
अप्रैल 2021 में, क्वेटा में चीनी राजदूत की मेजबानी कर रहे एक लक्जरी होटल में आत्मघाती बम हमले में चार लोग मारे गए और दर्जनों घायल हो गए। राजदूत को कोई चोट नहीं आई।
इससे पहले 2020 में बलूच अलगाववादियों ने पाकिस्तान के स्टॉक एक्सचेंज पर हमला किया था जहां चीनियों का बड़ा निवेश है। इसके बाद 2018 में कराची में चीनी वाणिज्य दूतावास पर हमला हुआ।