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जंग की तैयारी में जुटी पाकिस्तानी आर्मी, POK प्रशासन को भेजा नोटिस, अस्पतालों को तैयार रहने का निर्देश

By पल्लवी कुमारी | Updated: February 22, 2019 09:10 IST

जम्मू कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गये थे। पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी हमले के कुछ दिनों बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि इस कायरतापूर्ण कृत्य का बदला लेने के लिए सुरक्षा बलों को पूरी छूट दी गई है।

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ठळक मुद्देपाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से लदे एक वाहन को सीआरपीएफ की एक बस से टकरा दिया था। पाक के पीएम इमरान खान ने पुलवामा हमले के बाद भारत के किसी भी आक्रामण रूप से जवाब देने का अपनी सेना को 21 फरवरी को अधिकार दिया।

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले के बाद भारत की जवाबी कार्रवाई से पाकिस्तान डरा हुआ है। पाकिस्तानी सरकार ने अपनी आर्मी को युद्ध के लिए तैयारी शुरू करने का निर्देश दे चुका है। पुलवामा हमले के बाद भारत  ने पाकिस्तान के साथ मोस्ट फेवरेशन राष्ट्र का दर्जा खत्म कर लिया है। सबसे हैरानी वाली बात ये है कि पाकिस्तानी सरकार ने अपनी आर्मी को ऐसे वक्त में अलर्ट रहने को कहा है, जब आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर ने पाकिस्तान प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार से भारत के किसी दबाव में न झुकने को कहा है। 

टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, दो अधिकारिक दस्तावेजों से इस बात की सूचना मिली है कि पाकिस्तान की आर्मी को अलग-अलग मोर्चों के लिए तैयार किया जा रहा है।

अधिकारिक दस्तावेजों में एक पेपर बलूचिस्तान के मिलिटरी बेस का है। रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान कब्जे वाले कश्मीर (POK)  में स्थानीय प्रशासन को नोटिस भेजा गया है। उस नोटिस में ये बताया गया है कि पड़ोसी देश पाकिस्तान भारत के साथ जंग करने की तैयारियां  शुरू कर चुका है।  

जिलानी अस्पताल को लिखा गया खत

पाकिस्तान आर्मी हेडक्वार्टर  क्वेटा लॉजिस्टिक्स एरिया (HQLA) में स्थित पाकिस्तानी सेना ने भारत के साथ युद्ध की संभावना को देखते हुए चिकित्सा सहायता की व्यवस्था और योजना भी बना ली है। क्वेटा लॉजिलस्टिक्स एरिया (HQLA) की तरफ से 20 फरवरी को पाकिस्तान के जिलानी अस्पताल को एक पत्र लिखा गया है। जिसमें ये सूचना दी गई है कि भारत के साथ संभावित है कि जल्द जंग हो...तो आप अपनी तैयारी पुरी रखे।  

ये खत HQLA के फोर्स कमांडर एशिया नाज की ओर से जिलानी अस्पताल के अब्दुल मलिक को भेजा गया है। खत में लिखा गया, 'पूर्वी मोर्चे पर आपातकालीन युद्ध की स्थिति में क्वेटा लॉजिस्टिक्स एरिया में सिंध और पंजाब के नागरिक या सेना के जवानों को जख्मी होने पर यहां भेजा जा सकता है। प्राथमिक उपचार के बाद  इन सैनिकों को सैन्य और नागरिक सार्वजनिक क्षेत्र से बलूचिस्तान के सिविल अस्पताल में स्थानांतरित करने की योजना बनाई गई है, जब तक कि सीएमएच (सिविल सैन्य अस्पताल) में बेड की उपलब्धता की जाए।'

प्राइवेट अस्पतालों में सेना के लिए 25 प्रतिशत बेड हो रिजर्व 

खत में ये भी लिखा गया है,  'लॉजिस्टिक्स एरिया में एक बहुत बड़ा मेडिकल स्पोर्ट का प्लान बनाया गया है। जिसमें देश के सभी आर्मी हॉस्पिटल और आम अस्पताल शामिल है।' खत में साफ कहा गया है कि आर्मी अस्पतालों में बेड की संख्या जल्द से जल्द बढ़ाई जाए। वहीं, आम अस्पात घायल जवानों के लिए अस्पताल में 25 प्रतिशत रिजर्व रखने को बोला गया है। खत के अंत देश के प्राइवेट अस्पतालों से भी यही आग्रह किया गया है। खत में बताया गया है कि हमें सारे अस्पतालों से सकारात्मक जवाब मिला है। 

पाक पीएम ने पाकिस्तानी आर्मी  को दी पूरी छूट 

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद दोनों देशों के बीच मौजूद तनाव के मद्देनजर भारत के किसी भी आक्रामण या दुस्साहस का निर्णायक और व्यापक रूप से जवाब देने का अपनी सेना को 21 फरवरी को अधिकार दिया। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) की एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें देश की सुरक्षा स्थिति पर चर्चा की गई। उन्होंने कहा, पाकिस्तान सरकार अपने लोगों की रक्षा करने में सक्षम है।

बैठक के बाद जारी एक बयान में कहा गया है, ''उन्होंने भारत के किसी भी आक्रामण या दुस्साहस का निर्णायक और व्यापक रूप से जवाब देने के लिए सशस्त्र बलों को अधिकृत किया है।'' 

रेडियो पाकिस्तान ने खान के हवाले से बताया, ''यह एक नया पाकिस्तान है और हम अपने लोगों को यह दिखाने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि मुल्क उनकी रक्षा करने में सक्षम है।''  बयान के अनुसार, '' पाकिस्तान पुलवामा घटना में किसी भी तरह से शामिल नहीं है।'' इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान ने पूरी ईमानदारी के साथ ‘घटना’की जांच कराने और आतंकवाद समेत भारत के साथ अन्य विवादित मुद्दों पर बातचीत करने की पेशकश की है।

पुलवामा आतंकी हमले में 40 जवान हुए शहीद 

जम्मू कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गये थे। पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी हमले के कुछ दिनों बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि इस कायरतापूर्ण कृत्य का बदला लेने के लिए सुरक्षा बलों को पूरी छूट दी गई है। पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से लदे एक वाहन को सीआरपीएफ की एक बस से टकरा दिया था।

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