विदेश मंत्री एस जयशंकर और रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने बुधवार को अगले सप्ताह होने वाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस यात्रा की तैयारियों की समीक्षा की और दोनों ने आपसी हित के क्षेत्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की।
जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘वास्तव में एक विशेष रणनीतिक साझेदारी। विदेश मंत्री लावरोव से बहुत गर्मजोशी के माहौल में व्यापक मुद्दों पर चर्चा की।’’ मुलाकात के बाद यहां संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में संवाददाताओं से बातचीत में लावरोव ने कहा कि भारतीय विदेश मंत्री से सकारात्मक और उपयोगी वार्ता हुई।
उन्होंने कहा, ‘‘हम इस बात पर सहमत हुए कि विदेश नीति समेत अन्य क्षेत्रों में विशेष साझेदारी कैसे विकसित की जाए।’’ लावरोव ने कहा कि भारत और रूस के बीच साझेदारी बाजार के उतार-चढ़ाव से प्रभावित नहीं है और सर्वोच्च स्तर पर इसे सक्रियता से कायम रखा गया है।
लावरोव ने कहा, ‘‘आज हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बातचीत के लिए तथा व्लादीवोस्तोक में पांचवीं ईस्टर्न इकनॉमिक फोरम में मोदी के मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होने के लिए आगामी रूस यात्रा की तैयारियों पर ध्यान केंद्रित किया।’’
उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने यात्रा के एजेंडे पर विस्तार से चर्चा की और इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि वे सही रास्ते पर हैं। पांचवें ईस्टर्न इकनॉमिक फोरम का आयोजन व्लादीवोस्तोक में 4 से 6 सितंबर तक होगा। लावरोव ने कहा, ‘‘आज ईएईयू तथा भारत के बीच मुक्त व्यापार क्षेत्र समझौते पर आधिकारिक बातचीत शुरू करने के लिए जरूरी सभी आवश्यक प्रक्रियाएं पूरी कर ली गयी हैं।’’
ईएईयू, नयी दिल्ली के साथ व्यापार और आर्थिक सहयोग को गहन करने पर ध्यान केंद्रित करता है। ईएईयू पांच देशों का अंतरराष्ट्रीय संगठन है जिसमें आर्मेनिया, बेलारूस, कजाकिस्तान, किर्गिज गणराज्य तथा रूस हैं। इसकी स्थापना सदस्य देशों की अर्थव्यवस्थाओं के स्थिर विकास के लिए अनुकूल स्थितियां बनाने के मकसद से 2015 में की गयी थीं।
लावरोव ने यह भी कहा कि जयशंकर के साथ उनकी बातचीत में रूस-भारत-ईरान प्रारूप में एक उत्तर-दक्षिण अंतरराष्ट्रीय परिवहन कॉरिडोर के निर्माण को तेज करने की जरूरत समेत कुछ विशेष मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
रूस के मंत्री ने कहा कि संबंधित विभाग इस विषय पर सार्थक परामर्श जारी रखेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘हम परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में और अन्य उच्च तकनीक वाले क्षेत्रों में बहुपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए।’’ उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने वैश्विक और क्षेत्रीय एजेंडों के प्रमुख मुद्दों पर भी बातचीत की।
लावरोव ने कहा, ‘‘हम विकास के मॉडल की स्वतंत्र पसंद के लोगों के अधिकारों का सम्मान करते हुए संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के सिद्धांतों पर अंतरराज्यीय संवाद की जरूरत को लेकर एकजुट हैं।’’ उन्होंने कहा कि दोनों तरफ द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करने के लिए राष्ट्रपति पुतिन तथा प्रधानमंत्री मोदी के निर्देशों को पूरा करने का दृढ़ निश्चय है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले दिनों कहा था कि रूस और भारत को कभी न कभी अफगानिस्तान में आतंकियों से लड़ना होगा। इस पर लावरोव ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आतंकवाद और बढ़ती मादक पदार्थों की तस्करी अफगानिस्तान पर उनके रुख के केंद्र में है।
जयशंकर रूस की दो दिन की यात्रा पर मंगलवार को मॉस्को पहुंचे। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगामी रूस यात्रा की तैयारियों को अंतिम रूप देने यहां आए हैं। विदेश मंत्री बनने के बाद यह उनकी पहली रूस यात्रा है।
जयशंकर ने मंगलवार को ट्वीट किया, ‘‘40 साल पहले मैं पहली बार मॉस्को आया था। दुनिया बदल गयी है लेकिन भारत-रूस संबंध स्थिर हैं।’’ वह उप प्रधानमंत्री युरी बोरिसोव से भी मुलाकात करेंगे। जयशंकर की यात्रा से कुछ दिन पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने मॉस्को की यात्रा की थी और रूस के एनएसए निकोलोई पात्रुशेव से चर्चा की थी।