उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की तबीयत है बेहद खराब, सर्जरी के बाद गंभीर खतरे का कर रहे सामना: रिपोर्ट
By रामदीप मिश्रा | Updated: April 21, 2020 09:15 IST2020-04-21T09:09:13+5:302020-04-21T09:15:20+5:30
किम जोंग उन अत्यधिक धूम्रपान, मोटापा और अधिक काम करने की वजह से कार्डियोवस्कुलर का सामना कर रहे हैं। उनका इलाज हयांगसन काउंटी के एक विला में किया जा रहा है।

किम जोंग उन की तबीयत है खराब। (फाइल फोटो)
उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की तबीयत ठीक नहीं है और वह गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं। अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट में किया जा रहा है किम जोंग की सर्जरी के बाद भी हालत और बिगड़ गई है। उन्हें 15 अप्रैल को अपने दादा के जन्मदिन का जश्न मनाने वाले कार्यक्रम में भी नहीं देखा गया था। बताया जा रहा है कि सर्जरी के बाद गंभीर खतरे में हैं। वहीं, इन मीडिया रिपोर्ट पर दक्षिण कोरिया सरकार नजर बनाए हुए है।
सीएनएन की रिपोर्ट में कहा गया है कि एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि किम के स्वास्थ्य के बारे में चिंता विश्वसनीय है लेकिन हालत की गंभीरता का आकलन करना कठिन है। दक्षिण कोरिया में स्थित एक ऑनलाइन समाचार पत्र डेली एनके का कहना है कि किम को कथित तौर पर 12 अप्रैल को एक कार्डियोवास्कुलर का सामना करना पड़ा है।
रिपोर्ट में कहा गया गया कि किम जोंग उन अत्यधिक धूम्रपान, मोटापा और अधिक काम करने की वजह से कार्डियोवस्कुलर का सामना कर रहे हैं। उनका इलाज हयांगसन काउंटी के एक विला में किया जा रहा है।
The South Korean government on Tuesday was looking into US media reports saying North Korean leader Kim Jong Un was in fragile condition after surgery: The Associated Press (file pic) pic.twitter.com/8POavzvVYi
— ANI (@ANI) April 21, 2020
बताया गया है कि किम की हालत में सुधार हुआ है यह कह पाना मुश्किल है। उनका इलाज करने वाली अधिकांश मेडिकल टीम 19 अप्रैल को प्योंगयांग लौट आई और उनमें से कुछ लोग उनकी स्थिति को सुधारने के लिए अभी मौजूद हैं।
हालांकि इस संबंध में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद और राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के कार्यालय ने सोमवार को सीएनएन की रिपोर्ट पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। बता दें, उत्तर कोरिया के बाहर खुफिया जानकारी इकट्ठा करना बेहद मुश्किल है। यह अमेरिकी खुफिया के लिए सबसे चुनौतीपूर्ण लक्ष्यों में से एक।
उत्तर कोरिया अपने नेता किम जोंग उन की किसी भी सूचना को बाहर नहीं आने देता है। उसे देश के भीतर लगभग एक देवता के समान माना जाता है। उत्तर कोरिया के पास कोई स्वतंत्र प्रेस नहीं है और देश के नेतृत्व की बात करने पर वह एकदम शून्य हो जाता है।