चैटजीपीटी पर न्यूयॉर्क टाइम्स ने कॉपीराइट उल्लंघन का मामला दर्ज कराया, ओपनएआई और माइक्रोसॉफ्ट से ठनी लड़ाई
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: December 28, 2023 05:23 PM2023-12-28T17:23:22+5:302023-12-28T17:24:42+5:30
चैटजीपीटी जैसे जेनेरेटिव एआई टूल्स कैसे प्रशिक्षित किए गए और वह यूजर को जवाब देने के लिए किस तरीके से कंटेंट जुटाते हैं इसका जवाब अब तक नहीं मिल पाया है। लेकिन अब न्यूयॉर्क टाइम्स का कहना है कि उसने यह गुत्थी सुलझा ली है और चैटजीपीटी को चोरी करते हुए पकड़ा है।
नई दिल्ली: घंटों का काम मिनटों में और मिनटों का काम सेकेंड में पूरी करके चर्चा में आए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल चैटजीपीटी और इसके निर्माता अब मुसीबत में फंसते दिखाई दे रहे हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स ने कॉपीराइट उल्लंघन के लिए चैटजीपीटी निर्माता ओपनएआई और माइक्रोसॉफ्ट पर मुकदमा दायर किया है।
दरअसल चैटजीपीटी जैसे जेनेरेटिव एआई टूल्स कैसे प्रशिक्षित किए गए और वह यूजर को जवाब देने के लिए किस तरीके से कंटेंट जुटाते हैं इसका जवाब अब तक नहीं मिल पाया है। लेकिन अब न्यूयॉर्क टाइम्स का कहना है कि उसने यह गुत्थी सुलझा ली है और चैटजीपीटी को चोरी करते हुए पकड़ा है।
दरअसल चैटजीपीटी को निर्माता OpenAI और इसमें बड़ा निवेश करने वाले Microsoft जैसी बड़ी कंपनियां ये जवाब देने ने के लिए तैयार नहीं हैं कि वर्षों से इस मॉडल को प्रशिक्षित करने के लिए सामग्री कैसे जुटाई गई थी। लेकिन न्यूयॉर्क टाइम्स का दावा है कि उसे इस सवाल का जवाब मिल गया है। अपने मुकदमे में, द न्यूयॉर्क टाइम्स ने कहा है कि ओपनएआई ने चैटजीपीटी और चैटबॉट्स को सशक्त बनाने वाले बड़े भाषा मॉडल (एलएलएम) को प्रशिक्षित करने के लिए पहले से छपे लेख, रिपोर्ट, गहन जांच रिपोर्ट और ओपिनियन पीस से कंटेंट कॉपी किया। द न्यूयॉर्क टाइम्स का आरोप है कि ऐसा बिना किसी पूर्व "अनुमति या भुगतान" के किया गया।
बता दें कि चैटजीपीटी एक क्रांतिकारी तकनीक है। इसका पूरा नाम चैट जेनरेटिव प्रीट्रेंड ट्रांसफार्मर है। यह मशीन लर्निंग का प्रयोग करके यूजर द्वारा पूछे गए किसी भी सवाल का जवाब कुछ ही समय में उसके सामने रख देता है। इसकी मदद से न्यूज आर्टिकल और एक्सप्लेनर भी लिखे जा सकते हैं। सवाल यही था कि आखिर चैटजीपीटी यूजर को जवाब देने के लिए जो कंटेट मुहैया कराता है उसका स्त्रोत क्या है।
चैटजीपीटी को 30 नवम्बर 2022 को लॉन्च किया गया था। चैट जीपीटी यूजर के पूछे गए सवाल का जवाब एआई के माध्यम से तैयार कर टेक्स्ट फॉर्म में उसके सामने रख देता है। सिर्फ इतना ही नहीं अगर कोई इसके द्वारा दिए जवाब से संतुष्ट नहीं है तो यह बार-बार जवाब देगा जबतक कि यूजर संतुष्ट न हो जाए। इसके इस्तेमाल को लेकर कई तरह की आशंकाएं भी जताई जा चुकी हैं। कहा गया है कि चैटजीपीटी बहुत सारे लोगों की नौकरियां खा जाएगा।