कोरोना वायरस कैसे इंसानी कोशिकाओं पर कब्जा जमा लेते हैं, नए अध्ययन में डाला गया प्रकाश

By भाषा | Updated: February 13, 2021 17:30 IST2021-02-13T17:30:26+5:302021-02-13T17:30:26+5:30

New study sheds light on how corona viruses capture human cells | कोरोना वायरस कैसे इंसानी कोशिकाओं पर कब्जा जमा लेते हैं, नए अध्ययन में डाला गया प्रकाश

कोरोना वायरस कैसे इंसानी कोशिकाओं पर कब्जा जमा लेते हैं, नए अध्ययन में डाला गया प्रकाश

बर्लिन, 13 फरवरी वैज्ञानिकों ने इंसानी प्रोटीन के उस हिस्से की पहचान की है जिसका इस्तेमाल नया कोरोना वायरस मेजबान कोशिकाओं की प्रक्रियाओं पर कब्जा जमाने के लिये कर सकता है। यह अध्ययन कोविड-19 के उपचार के लिये उन्नत दवा विकसित करने में और सहायक हो सकता है।

जर्मनी की यूरोपियन मॉलीक्यूलर बायोलॉजी लेबोरेटरी (ईएमबीएल) के अनुसंधानकर्ताओं में भारतीय मूल के मंजीत कुमार भी शामिल हैं। अनुसंधानकर्ताओं ने कोरोना वायरस संक्रमण में शामिल इंटेग्रिन्स श्रेणी की तरह के इंसानी प्रोटीन बनाने वाले अमीनो अम्ल के अणुओं की श्रृंखला का विश्लेषण किया।

पूर्व में हुए अध्ययनों में पाया गया था कि कोविड-19 फैलाने वाला सार्स-सीओवी-2 विषाणु कोशिका की सतह पर एसीई2 रिसेप्टर और संभवत: इंटेग्रिन्स जैसे अन्य प्रोटीनों से जुड़कर एंडोसाइटोसिस नामक प्रक्रिया के तहत कोशिकाओं में प्रवेश करता है।

‘साइंस सिग्नलिंग’ नामक पत्रिका में प्रकाशित मौजूदा अध्ययन में वैज्ञानिकों ने खास तौर पर अमीनो अम्लों की छोटी कड़ी पर अपना ध्यान केंद्रित किया जिन्हें लघु रैखिक विशेषताएं (एसएलआईएमएस) कहा जाता है। ये कोशिकाओं के अंदर और बाहर सूचनाओं के संप्रेषण में शामिल होती हैं।

उन्होंने देखा कि कुछ इंटेग्रिन्स में ‘एसएलआईएमएस’ होते हैं जो संभव है पदार्थों को ग्रहण और निस्तारित करने की कोशिकीय प्रक्रियाओं में शामिल हों जिन्हें एंडोसाइटोसिस और ऑटोफेगी कहा जाता है।

ईएमबीएल के अध्ययन के सह-लेखक बालिंट मेस्जारोस कहते हैं, “सार्स-सीओवी-2 अगर एंडोसाइटोसिस और ऑटोफेगी में शामिल प्रोटीन को निशाना बनाता है, तो इसका मतलब है कि संक्रमण के दौरान विषाणु द्वारा इन प्रक्रियाओं पर कब्जा जमाया जा सकता है।”

शोधकर्ताओं का मानना है कि इस अध्ययन से कोविड-19 के उपचार को नया नजरिया मिल सकता है।

अध्ययन की वरिष्ठ लेखिका लुसिया चेम्स बताती हैं, “एसएलआईएमएस विषाणु के प्रवेश संकेतों को चालू या बंद करने के लिये ‘स्विच’ बन सकता है। इसका मतलब है कि अगर हम दवा का इस्तेमाल कर इन संकेतों को पलटने का तरीका खोज सकते हैं तो यह कोरोना वायरस को कोशिकाओं में प्रवेश करने से रोक सकता है।”

इन नतीजों के आधार पर शोधकर्ताओं ने मौजूदा दवाओं की एक सूची तैयार की है जो एंडोसाइटोसिस और ऑटोफेगी में दखल दे सकती है।

कुमार कहते हैं, “नैदानिक परीक्षणों में अगर इनमें से कुछ दवाएं कोविड-19 के खिलाफ कारगर मिलती हैं तो यह परिवर्तनकारी हो सकता है।

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Web Title: New study sheds light on how corona viruses capture human cells

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