श्रीलंका: PM रानिल विक्रमसिंघे बर्खास्त, पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे बने नए प्रधानमंत्री

By लोकमत न्यूज़ ब्यूरो | Published: October 26, 2018 10:30 PM2018-10-26T22:30:30+5:302018-10-26T22:30:30+5:30

पूर्व राष्ट्रपति राजपक्षे के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण के दृश्य मीडिया को जारी किये गये और टीवी चैनलों पर दिखाये गये।

New prime minister Mahinda Rajapaksa in sri lanka PM Ranil Vikramasinghe Dismissed | श्रीलंका: PM रानिल विक्रमसिंघे बर्खास्त, पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे बने नए प्रधानमंत्री

श्रीलंका: PM रानिल विक्रमसिंघे बर्खास्त, पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे बने नए प्रधानमंत्री

 श्रीलंका में नाटकीय राजनीतिक घटनाक्रम के बीच पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे शुक्रवार को नये प्रधानमंत्री बन गये और राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने मौजूदा प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को बर्खास्त कर दिया जिसके बाद वित्त मंत्री ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए राजपक्षे की इस तरह की वापसी को ‘अलोकतांत्रिक सत्तापलट’ करार दिया।

पूर्व राष्ट्रपति राजपक्षे के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण के दृश्य मीडिया को जारी किये गये और टीवी चैनलों पर दिखाये गये।

72 वर्षीय राजपक्षे ने शपथ लेने के बाद सिरिसेना के साथ अपनी एक तस्वीर साझा की।

उन्होंने ट्वीट में कहा, ‘‘श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने नये प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली।’’ 

इससे पहले सिरिसेना के राजनीतिक मोर्चे यूनाइटेड पीपुल्स फ्रीडम अलायंस (यूपीएफए) ने घोषणा की कि उसने मौजूदा गठबंधन सरकार से समर्थन लेने का फैसला किया है। यह गठबंधन यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) के साथ था जिसके नेता रानिल विक्रमसिंघे अब तक प्रधानमंत्री थे।

कृषि मंत्री और यूपीएफए के महासचिव महिंदा अमरवीरा ने संवाददाताओं से कहा कि यूपीएफए के फैसले से संसद को अगवत करा दिया गया है।

घटनाक्रम पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए वित्त मंत्री मंगला समरवीरा ने कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में राजपक्षे की नियुक्ति असंवैधानिक और गैरकानूनी है।

उन्होंने ट्वीट में कहा, ‘‘यह एक अलोकतांत्रिक सत्तापलट है।’’ 

2015 में विक्रमसिंघे के समर्थन से सिरिसेना राष्ट्रपति बने थे। 

इससे पहले करीब एक दशक तक राजपक्षे की सरकार थी। उनकी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे सिरिसेना ने उनसे अलग होकर राष्ट्रपति चुनाव लड़ा था।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि राजपक्षे को प्रधानमंत्री बनाने के सिरिसेना के कदम से संवैधानिक संकट पैदा हो सकता है क्योंकि संविधान में 19वां संशोधन बहुमत के बिना विक्रमसिंघे को प्रधानमंत्री पद से हटाने की अनुमति नहीं देगा।

राजपक्षे और सिरिसेना की कुल 95 सीटें हैं और सामान्य बहुमत से पीछे हैं। विक्रमसिंघे की यूएनपी के पास अपनी खुद की 106 सीटें हैं और बहुमत से केवल सात कम हैं।

विक्रमसिंघे या यूएनपी की तरफ से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना की पार्टी ने उनके और विक्रमसिंघे के बीच तनाव बढ़ने के बीच शुक्रवार को सत्तारूढ़ गठबंधन से समर्थन वापस ले लिया। 

श्रीलंका फ्रीडम पार्टी (एसएलएफपी) और यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) की गठबंधन सरकार उस समय संकट में आ गयी थी जब पूर्व राष्ट्रपति राजपक्षे की नयी पार्टी ने फरवरी में स्थानीय चुनावों में जबरदस्त जीत हासिल की थी जिसे सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए जनमत संग्रह माना गया।

पिछले सप्ताह खबर आई थी कि सिरिसेना ने अपने वरिष्ठ गठबंधन साझेदार यूएनपी पर उनकी और रक्षा मंत्रालय के पूर्व शीर्ष अधिकारी गोताभया राजपक्षे की हत्या की कथित साजिश को गंभीरता से नहीं लेने का आरोप लगाया। गोताभया राजपक्षे पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के भाई हैं।


 

Web Title: New prime minister Mahinda Rajapaksa in sri lanka PM Ranil Vikramasinghe Dismissed

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