लाइव न्यूज़ :

फूट की आशंका के बीच नेपाल की सत्तारूढ़ सीपीएन की महत्वपूर्ण बैठक शुरू

By भाषा | Updated: November 18, 2020 16:30 IST

Open in App

(शिरीष बी प्रधान)

काठमांडू, 18 नवंबर सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (सीपीएन) के केंद्रीय सचिवालय की बहुप्रतीक्षित महत्वपूर्ण बैठक बुधवार को आरंभ हुई। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और उनके प्रतिद्वंद्वी पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ की भेंट के बाद पार्टी में उभरे मतभेद के मद्देनजर यह बैठक महत्वपूर्ण है।

सीपीएन के अध्यक्ष ओली और सचिवालय के अन्य सदस्यों ने पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रचंड की पहल पर प्रधानमंत्री के आधिकारिक निवास पर बैठक में शिरकत की। सचिवालय के सभी नौ सदस्य महत्वपूर्ण बैठक में मौजूद थे। प्रधानमंत्री ओली किसी ना किसी कारण से इस बैठक से बच रहे थे।

ओली और उनके प्रतिद्वंद्वी प्रचंड के बीच 31 अक्टूबर को बैठक में तथा सीपीएन में मतभेद सामने आने के बाद यह बैठक हो रही है। ओली ने मौजूदा सत्ता संघर्ष के समाधान के लिए केंद्रीय सचिवालय की बैठक बुलाने के प्रचंड के अनुरोध को भी ठुकरा दिया था।

ओली और प्रचंड ने सत्ता को लेकर समझौते पर सहमत होने के बाद सितंबर में अपने मतभेद दूर किए थे जिससे पार्टी में महीनों से चला आ रहा गतिरोध खत्म हो गया था।

सीपीएन के सूत्रों ने कहा कि आंतरिक कलह बढ़ने के कारण पार्टी संकट का सामना कर रही है और कभी भी इसमें फूट पड़ सकती है। सीपीएन को प्रतिनिधि सभा में दो तिहाई बहुमत प्राप्त है और यह सबसे बड़ी पार्टी है।

हालांकि, दूसरी पांत के नेता ओली और प्रचंड के बीच मतभेदों को सुलझाने के लिए प्रयास कर रहे हैं ।

सूत्रों के मुताबिक, बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ओली के प्रचंड द्वारा उन्हें सौंपे गए एक पत्र पर स्पष्टीकरण देने की संभावना है। प्रचंड ने इस पत्र में ओली पर पार्टी से विचार-विमर्श किए बिना सरकार चलाने का आरोप लगाया है।

इससे पहले ओली ने प्रचंड से पत्र वापस लेने के लिए अनुराध करते हुए कहा कि वह जवाब देने की स्थिति में नहीं हैं।

सुबह में ओली काठमांडू में शीतलनिवास में राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति विद्या भंडारी से मिलने गए ।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, चीनी राजदूत होउ यांक्वी ओली से मिलने प्रधानमंत्री आवास गयी थीं और पार्टी के भीतर मतभेद की पृष्ठभूमि में उनसे राजनीतिक विचार-विमर्श किया।

पार्टी के आंतरिक मतभेद तब सामने आ गये थे जब प्रचंड और पार्टी के वरिष्ठ नेता माधव कुमार नेपाल समेत कई और नेताओं ने पार्टी के अध्यक्ष और नेपाल के प्रधानमंत्री पद से ओली को इस्तीफा देने को कहा।

नेपाल के प्रधानमंत्री ने बगावती नेताओं पर उनकी सरकार को गिराने की साजिश रचने का आरोप लगाया था।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

भारतFIH Men's Junior World Cup: 9 साल बाद कांस्य पदक, भारत ने अर्जेन्टीना को 4-2 से हराया

क्रिकेट2025 में 13 टी20 मैच खेले, 183 गेंद, 143 स्ट्राइक रेट और 263 रन, आखिर क्यों फेल हो रहे गिल, जोड़ीदार शर्मा ने कूटे 397 गेंद पर 773 रन

कारोबारएसयूवी मॉडल 'सेल्टोस' का नया अवतार, 11 दिसंबर की आधी रात से बुकिंग, 25,000 रुपये देकर करें बुक, आखिर क्या है फीचर्स और क्यों खास?

भारत‘भाजपा ‘सर-सर’ बोल कर जितना भी चीखे ,पश्चिम बंगाल में ‘मैडम’ के सामने कुछ नहीं?, टीएमसी सांसद शताब्दी रॉय ने एसआईआर को लेकर कसा तंज, वीडियो

कारोबारभारी बारिश से फसल नुकसान, 53821 किसान को मिलेंगे 116 करोड़ रुपये, हरियाणा में किसान पर पैसों की बरसात?

विश्व अधिक खबरें

विश्वसोशल मीडिया बैन, 16 साल से बच्चों पर लागू, फेसबुक, इंस्टाग्राम, किक, रेडिट, स्नैपचैट, थ्रेड्स, टिकटॉक, एक्स, यूट्यूब और ट्विच जल्दी हटाएं नहीं तो 3.29 करोड़ अमेरिकी डॉलर जुर्माना

विश्वInternational Human Rights Day 2025: 10 दिसंबर को क्यों मनाया जाता है मानवाधिकार दिवस? जानें क्या है महत्व

विश्वट्रम्प की इससे ज्यादा बेइज्जती और क्या हो सकती है ? 

विश्वपाकिस्तान टूटने की कगार पर, 'सिंधुदेश' की मांग को लेकर कराची में भड़की हिंसा

विश्वसिंध प्रांतः हिंदू महिला और नाबालिग बेटी का अपहरण, 3 हथियारबंद शख्स ने घर से बाहर निकलते ही जबरन सफेद कार में बैठाया और...