कालापानी-लिपुलेख विवाद: नेपाली संसद ने विवादित नक्‍शे को दी मंजूरी, भारत के कुछ हिस्सों को किया शामिल

By निखिल वर्मा | Published: June 18, 2020 02:21 PM2020-06-18T14:21:07+5:302020-06-18T14:29:19+5:30

इससे पहले शनिवार को नेपाल के निचले सदन में मौजूद सभी 258 सांसदों ने मानचित्र संशोधन विधेयक के पक्ष में मतदान किया था.

Nepal’s parliament approves map that includes Indian territory, president assent next | कालापानी-लिपुलेख विवाद: नेपाली संसद ने विवादित नक्‍शे को दी मंजूरी, भारत के कुछ हिस्सों को किया शामिल

नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (लोकमत फाइल फोटो)

Highlightsभारत और नेपाल के बीच करीब 1750 किलोमीटर लंबी सीमा का 98 प्रतिशत हिस्सा रेखांकित है.दोनों पक्षों के बीच कालापानी तथा सुस्ता को लेकर मतभेद हैं.

नेपाल की संसद ने सर्वसम्मति से देश के नए मानचित्र के लिए संविधान संशोधन विधेयक को पारित कर दिया, इस मानचित्र में भारत के कुछ हिस्सों को भी शामिल किया गया है। भारत के उत्तराखंड में स्थित लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को नेपाली क्षेत्र के तौर पर दर्शाया गया है।  

गुरुवार को नेपाली संसद के ऊपरी सदन यानी नेशनल असेम्बली ने संविधान संशोधन विधेयक को सर्वसम्मति से पारित कर दिया। इसके बाद नेपाल के राष्ट्रीय प्रतीक में नक्शे को बदलने का रास्ता साफ हो गया है। सभी 57 मौजूद सदस्यों ने विधेयक के समर्थन में मतदान किया।

भारत-नेपाल के बीच बढ़ा तनाव

दोनों देशों के संबंधों में तनाव उस समय आ गया जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लिपुलेख दर्रे को उत्तराखंड के धारचूला से जोड़ने वाली एक रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सड़क का आठ मई को उद्घाटन किया था। नेपाल ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की और उसने कुछ दिन बाद देश का नया राजनीतिक नक्शा पेश किया जिसमें लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा क्षेत्रों को अपने भूभाग में दिखाया गया है। 

केपी शर्मा ओली के नेतृत्व वाली कम्यूनिस्ट सरकार ने शनिवार को इस नए नक्शे को संसद के निचले सदन से सर्वसम्मति से पारित करा लिया था। वहीं भारत ने कड़े शब्दों में स्पष्ट कर दिया था कि “कृत्रिम रूप से बढ़ा-चढ़ाकर” पेश किए गए क्षेत्रीय दावे स्वीकार करने योग्य नहीं हैं। भारत ने इस कदम का सख्त विरोध करते हुए इसे स्वीकार करने योग्य नहीं बताया था।  

Web Title: Nepal’s parliament approves map that includes Indian territory, president assent next

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