Nepal Floods: नेपाल में बाढ़, भूस्खलन से अब तक 217 की मौत, 143 घायल, 28 लोग लापता, देखें वीडियो, काठमांडू घाटी में सबसे अधिक नुकसान
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 1, 2024 11:22 IST2024-10-01T11:21:07+5:302024-10-01T11:22:13+5:30
Nepal Floods: काठमांडू और नेपाल के विभिन्न हिस्सों में तीन दिन से लगातार हो रही बारिश के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन में मंगलवार सुबह तक मरने वालों की संख्या 217 तक पहुंच गई और 143 लोग घायल हुए हैं जबकि 28 लोग लापता हैं।

photo-ani
Nepal Floods:नेपाल में बारिश के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन से मरने वालों की संख्या मंगलवार को बढ़कर 217 हो गई और 28 लोग अब भी लापता हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। पिछले शुक्रवार से लगातार हो रही बारिश के कारण बाढ़ आई और जगह-जगह भूस्खलन हुआ, जिससे हिमालयी राष्ट्र में तबाही मच गई। हालांकि, रविवार से काठमांडू में मौसम में सुधार हुआ है, जिससे आपदा प्रभावित लोगों को कुछ राहत मिली है। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ऋषिराम तिवारी ने बताया कि काठमांडू और नेपाल के विभिन्न हिस्सों में तीन दिन से लगातार हो रही बारिश के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन में मंगलवार सुबह तक मरने वालों की संख्या 217 तक पहुंच गई और 143 लोग घायल हुए हैं जबकि 28 लोग लापता हैं।
💔 Nepal’s climate disaster 💔
— Last Plea (@last_plea) October 1, 2024
192 lives lost, 32 still missing after just 2 days of heavy rainfall, causing flooding and landslides. The impact of climate change is here🙏
Praying for all those affected. Follow @last_plea for updates.#NepalFloods#ClimateCrisis#LastPleapic.twitter.com/xzN9HDFpE3
बृहस्पतिवार से शनिवार तक लगातार हुई बारिश ने पूरे नेपाल में तबाही मचा दी है। काठमांडू घाटी में सबसे अधिक नुकसान हुआ है, जहां मरने वालों की संख्या 50 को पार कर गई है। बचाव कार्य में नेपाल सेना, सशस्त्र पुलिस बल और नेपाल पुलिस सहित 20,000 से अधिक सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण एशिया भर में वर्षा की मात्रा और समय में बदलाव हो रहा है और बाढ़ के प्रभाव में वृद्धि का एक प्रमुख कारण पर्यावरण की स्थिति में बदलाव है जिसमें विशेष रूप से बाढ़ के मैदानों में गैर नियोजित निर्माण बड़ी वजह है। इसके चलते पानी के ठहराव और निकासी के लिए पर्याप्त जगह नहीं बचती।
बाढ़ और भूस्खलन की वजह से देश के कई हिस्सों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। कई राजमार्ग और सड़कें बाधित हो गई हैं, सैकड़ों मकान और पुल ध्वस्त हो गए हैं या बह गए हैं और सैकड़ों परिवार विस्थापित हो गए हैं। सड़क बाधित होने के कारण हजारों यात्री विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए हैं।