चीन के रवैये को लेकर नाटो देशों ने जताई चिंता, सुरक्षा के लिए बताया चुनौती
By विनीत कुमार | Published: June 15, 2021 11:00 AM2021-06-15T11:00:53+5:302021-06-15T11:05:10+5:30
नाटो देशों ने चीन को लेकर सख्त बयान जारी करते हुए कहा है कि वह सुरक्षा के लिए लगातार चुनौती बना हुआ है। नाटो देशों ने चीन की ओर से तेजी से परमाणु मिसाइल विकसित किए जाने को लेकर भी चिंता जताई है।
ब्रसेल्स: नाटो के नेताओं ने इस बात को लेकर सहमति जताई है कि चीन सुरक्षा के लिए लगातार चुनौती बना हुआ है और अंतरराष्ट्रीय नियमों पर आधारित व्यवस्था को कमतर करने के लिए काम कर रहा है। साथ ही नाटो देशों द्वारा चीन के व्यापार, सैना और मानवाधिकार संबंधित कार्य प्रणाली के खिलाफ भी ज्यादा मुखर होकर आवाज उठाने की भी बात कही गई है।
नाटो देशों ने चिंता जताई कि चीन कितनी तेजी से परमाणु मिसाइल विकसित कर रहा है। नाटो नेताओं ने सोमवार को बयान जारी कर कहा कि चीन के लक्ष्य और ‘दबाव बनाने वाले व्यवहार ने नियमों पर आधारित वैश्विक व्यवस्था के समक्ष चुनौती पेश कर दी है और गठबंधन की सुरक्षा वाले क्षेत्रों में भी यह चिंता का विषय है।’
नाटो ने चीन को नहीं कहा 'प्रतिद्वंद्वी'
हालांकि, 30 देशों की सरकार और प्रमुख ने चीन को प्रतिद्वंद्वी नहीं कहा लेकिन इसकी ‘दबाव वाली नीतियों’ पर उन्होंने चिंता जरूर जताई। उन्होंने उसकी सेना के आधुनिकीकरण के अपारदर्शी तरीकों और सूचना नहीं देने पर भी चिंता जताई।
उन्होंने बीजिंग से अपील की कि ‘वह अपनी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को बरकरार रखे और अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में जिम्मेदारी से काम करे जिसमें अंतरिक्ष, साइबर और समुद्री क्षेत्र शामिल हैं और बड़ी शक्ति के रूप में अपनी भूमिका निभाए।’
इन नेताओं ने यह भी कहा कि वे जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर ‘चीन के साथ मिलकर काम करने का स्वागत करते हैं।’ ब्रसेल्स में सोमवार को शिखर सम्मेलन के दौरान बयान जारी किया गया जो चीन पर सैन्य गठबंधन का पहला इस तरह का बयान है। राजनयिकों ने कहा कि बयान का यह सबसे कठोर हिस्सा था।
चीन पर एंजेला मर्केल ने क्या कहा
वहीं, जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने कहा कि चीन को खतरे के रूप में बताने के नाटो के फैसले को 'बढ़ा-चढ़ा कर' नहीं बताया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि रूस की तरह बीजिंग भी कुछ क्षेत्रों में भागीदार है। मर्केल ने कहा कि चीन जर्मनी का शीर्ष व्यापारिक साझेदार है।
मर्केल ने कहा कि हालांकि 'जब आप साइबर खतरों, अन्य खतरों को देखते हैं, और जब आप रूस और चीन के बीच के सहयोग को देखते हैं, तो आप चीन की उपेक्षा नहीं कर सकते।' साथ ही उन्होंने कहा कि हालांकि 'सही संतुलन खोजना' जरूरी है क्योंकि चीन कई मुद्दों पर भी एक भागीदार है।
उन्होंने आगे कहा, 'मुझे लगता है कि यह बहुत जरूरी है कि जैसे हम रूस के साथ करते हैं, हमेशा समाधान के लिए राजनीतिक चर्चा आदि की पेशकश हो लेकिन जहां तक खतरे की बात है तो नाटो के रूप में आपको तैयार भी रहना होगा।'
(भाषा इनपुट)