म्यांमार में तख्तापलट, आंग सान सू की और राष्ट्रपति हिरासत में लिए गए
By अनुराग आनंद | Published: February 1, 2021 08:42 AM2021-02-01T08:42:45+5:302021-02-01T08:46:03+5:30
म्यांमार में करीब 5 दशक तक सत्ता सेना के हाथ में रही, तब जाकर यहां लोकतंत्र की शुरुआत हुई। एक दशक बाद एक बार फिर से यहां सेना ने तख्तापलट कर सत्ता को अपने हाथों में ले लिया है। जानें इसके पीछे मुख्य वजह क्या है...
नई दिल्ली: पड़ोसी देश म्यांमार से एक बड़ी खबर आई है। मिल रही जानकारी के मुताबिक, म्यांमार में सत्ता के तख्तापलट की तैयारी है। म्यांमार की सेना द्वारा सबसे बड़ी नेता आंग सान सू की, राष्ट्रपति विन मिंट और सत्तारूढ़ पार्टी के अन्य वरिष्ठ लोगों को सुबह की छापेमारी में हिरासत में लिया गया है।
टीओआई के अनुसार, दुनिया की मीडिया को सत्तारूढ़ पार्टी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी के एक प्रवक्ता ने सोमवार को इसकी जानकारी दी है। सत्ताधारी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी के प्रवक्ता ने कहा कि ये कदम सरकार और शक्तिशाली सेना के बीच बढ़ते तनाव के बाद उठाया गया है। म्यांमार में यह स्थिति चुनाव के बाद से ही बनी हुई है।
एक बार फिर सेना ने देश की सत्ता को अपने हाथ में ले लिया है-
अभी एक दशक पहले ही म्यांमार सेना शासन से निकला था। लेकिन, एक बार फिर से सेना ने देश की सत्ता को अपने हाथों में ले लिया है। इससे पहले भी यहां सैनिक शासन लगभग 50 साल तक जारी रहा इसलिए म्यांमार का लोकतंत्र अभी जड़ें नहीं जमा सका है।
संसदीय चुनाव में सत्ताधारी एनएलडी पर चुनावी धांधली के आरोप लगे थे-
पिछले नवंबर में हुए संसदीय चुनाव में सत्ताधारी एनएलडी पर चुनावी धांधली के आरोप लगे थे। इन चुनावों में एनएलडी की बड़ी जीत हुई थी, लेकिन उसकी जीत को तब से संदेह की निगाह से देखा जाता रहा है। सेना के अधिकारियों ने भी आंग सान सू की के इस जीत पर सवाल खड़ा किया था।
म्यांमार की नवनिर्वाचित संसद की पहली बैठक आज होनी थी-
म्यांमार की नवनिर्वाचित संसद की पहली बैठक आज प्रस्तावित थी। इससे पहले सेना ने बड़े नेताओं को हिरासत में ले लिया। भारत के लिए खबर इसलिए बड़ी है क्योंकि म्यांमार ना सिर्फ पड़ोसी देश है बल्कि सुरक्षा और कूटनीति के लिहाज से भी यह भारतीय विदेश नीति में महत्वपूर्ण स्थान रखता रहा है।