जातीय समूह के समारोह में म्यांमा की सेना ने बरसाए बम, गायकों-संगीतकारों सहित 80 लोगों की मौत
By भाषा | Published: October 25, 2022 07:34 AM2022-10-25T07:34:44+5:302022-10-25T07:50:01+5:30
म्यांमा में संयुक्त राष्ट्र के कार्यालय ने एक बयान में कहा कि वह हवाई हमलों की खबरों से ‘‘बेहद चिंतित और दुखी’’ है। बयान में कहा गया, ‘‘सुरक्षा बलों द्वारा निहत्थे नागरिकों के खिलाफ बल प्रयोग किया जाना अस्वीकार्य है और इसके जिम्मेदार लोगों की जवाबदेही तय की जानी चाहिए।’’
बैंकॉकः म्यांमा की सेना द्वारा किए गए हवाई हमलों में गायकों और संगीतकारों सहित 80 से अधिक लोग मारे गए, जो काचिन जातीय अल्पसंख्यक समूह के मुख्य राजनीतिक संगठन के एक वर्षगांठ समारोह में शामिल हुए थे। समूह के सदस्यों और एक बचावकर्मी ने सोमवार को यह जानकारी दी। काचिन कला संघ के एक प्रवक्ता ने बताया कि रविवार रात हुए हवाई हमले में 80 लोगों की मौत हो गई, जबकि लगभग 100 अन्य घायल हो गये। उन्होंने बताया कि समारोह स्थल पर सैन्य विमान से चार बम गिराए गए थे। ये हमले ऐसे समय में हुए हैं, जब तीन दिन बाद दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के विदेश मंत्री म्यांमा में व्यापक हिंसा पर चर्चा करने के लिए इंडोनेशिया में एक विशेष बैठक करने वाले हैं।
पिछले साल फरवरी में हुए सैन्य तख्तापलट के बाद रविवार रात को आयोजित समारोह में हुए हवाई हमले में पहली बार एक ही हमले में इतनी अधिक संख्या में लोगों की मौत का मामला सामने आया है। घटना के विवरण की स्वतंत्र रूप से पुष्टि करना असंभव है। हालांकि, काचिन के प्रति सहानुभूति रखने वाले मीडिया द्वारा साझा किए गए वीडियो में हमले के बाद के भयानक मंजर को दिखाया गया है। सैन्य सरकार के सूचना कार्यालय ने सोमवार देर रात एक बयान में पुष्टि की कि काचिन इंडिपेंडेंस आर्मी की 9वीं ब्रिगेड के मुख्यालय पर हमला किया गया था, इसे काचिन समूह द्वारा किए गए ‘‘आतंकवादी’’ कृत्यों के जवाब में एक ‘‘आवश्यक ऑपरेशन’’ कहा गया। हालांकि, सूचना कार्यालय ने बड़ी संख्या में लोगों के हताहत होने की बात को ‘‘अफवाह’’ करार दिया और इनकार किया कि सेना ने संगीत कार्यक्रम पर बमबारी की तथा मारे गए में श्रोता भी शामिल थे।
म्यांमा में संयुक्त राष्ट्र के कार्यालय ने एक बयान में कहा कि वह हवाई हमलों की खबरों से ‘‘बेहद चिंतित और दुखी’’ है। बयान में कहा गया, ‘‘सुरक्षा बलों द्वारा निहत्थे नागरिकों के खिलाफ बल प्रयोग किया जाना अस्वीकार्य है और इसके जिम्मेदार लोगों की जवाबदेही तय की जानी चाहिए।’’ म्यांमा में जातीय अल्पसंख्यकों द्वारा स्वायत्तता की मांग को दशकों से खारिज किया जा रहा है। काचिन स्वतंत्रता संगठन की स्थापना की 62वीं वर्षगांठ का उत्सव रविवार को उस स्थान पर मनाया जा रहा था, जिसका इस्तेमाल काचिन की सैन्य शाखा द्वारा सैन्य प्रशिक्षण के लिए भी किया जाता है। यह हपाकांत क्षेत्र में स्थित है, जो म्यांमा के सबसे बड़े शहर यांगून से करीब 950 किलोमीटर दूर है।