Mozambique post-election violence: 24 घंटे में 2 पुलिस अधिकारी सहित 21 की मौत?, सत्तारूढ़ फ्रीलीमो पार्टी से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डेनियल चैपो फिर से विजेता, देखें वीडियो
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 25, 2024 11:22 IST2024-12-25T11:20:57+5:302024-12-25T11:22:13+5:30
Mozambique post-election violence: मोजाम्बिक के गृह मंत्री पास्कोल रोंडा ने मंगलवार देर रात मापुतो में एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि एक दिन पहले अदालत की घोषणा के बाद हिंसा और लूटपाट शुरू हो गई।

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Mozambique post-election violence: मोजाम्बिक के उच्चतम न्यायालय द्वारा सत्तारूढ़ फ्रीलीमो पार्टी से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डेनियल चैपो को नौ अक्टूबर को हुए विवादित चुनावों का विजेता घोषित किए जाने पर वहां हिंसा भड़क गई, जिसमें पुलिस के दो अधिकारियों सहित कम से कम 21 लोग मारे गए। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। मोजाम्बिक के गृह मंत्री पास्कोल रोंडा ने मंगलवार देर रात मापुतो में एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि एक दिन पहले अदालत की घोषणा के बाद हिंसा और लूटपाट शुरू हो गई।
उन्होंने कहा कि चैपो के निकटतम प्रतिद्वंदी और चुनाव में हार गए उम्मीदवार वेनांसियो मोंडलेन के युवा समर्थकों ने इस हिंसा का नेतृत्व किया। इस चुनाव में चैपो को 65 प्रतिशत मत मिले जबकि मोंडलेन को 24 प्रतिशत ही वोट मिल सके। रोंडा ने कहा, ‘‘प्रारंभिक सर्वेक्षण से पता चला है कि पिछले 24 घंटे में पूरे राष्ट्र में हिंसा की 236 घटनाएं दर्ज की गईं।
इन हिंसा में पुलिस के दो कर्मियों समेत 21 लेगों की मौत हुई।’’ उन्होंने कहा कि इसमें 13 नागरिक और पुलिस के 12 कर्मी घायल हुए हैं। रोंडा ने बताया कि पुलिस के दो वाहनों समेत कुल 25 वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। उन्होंने बताया कि 11 पुलिस चौकियों तथा एक कारागार पर हमला कर वहां तोड़फोड़ की गई और 86 कैदियों को छुड़ा लिया गया।
मोंडलेन ने शुक्रवार से ‘बंद’ का आह्वान किया है, लेकिन देश में हिंसा पहले ही बढ़ चुकी है और मंगलवार रात को राजधानी में स्थिति तनावपूर्ण बनी रही। देश के निर्वाचन निकाय द्वारा प्रारंभिक परिणाम घोषित किये जाने के बाद से चुनाव पश्चात हिंसा में मरने वाले लोगों की संख्या 150 से अधिक हो गयी है।
सर्वोच्च अदालत ने सोमवार को पुष्टि की थी कि 1975 से सत्ता में रही फ्रीलिमो पार्टी ने 9 अक्टूबर के राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल की है। धारदार हथियारों और आग्नेयास्त्रों का उपयोग करने वाले सशस्त्र लोगों के समूहों ने पुलिस स्टेशनों, जेल प्रतिष्ठानों और अन्य बुनियादी ढांचे पर हमले किए हैं। 70 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है।