तमिलों की उम्मीदों को पूरा करना खुद श्रीलंका के हित में है : जयशंकर
By भाषा | Updated: January 6, 2021 19:55 IST2021-01-06T19:55:44+5:302021-01-06T19:55:44+5:30

तमिलों की उम्मीदों को पूरा करना खुद श्रीलंका के हित में है : जयशंकर
कोलंबो, छह जनवरी भारत ने बुधवार को श्रीलंका का आह्वान किया कि वह मेलमिलाप की प्रक्रिया के तहत ‘‘अपने खुद के हित में’’ एक संगठित देश के भीतर समानता, न्याय और सम्मान की अल्पसंख्यक तमिलों की उम्मीदों को पूरा करे।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने श्रीलंकाई समकक्ष दिनेश गुणवर्धना के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में श्रीलंका की मेलमिलाप प्रक्रिया में भारत के समर्थन और जातीय सौहार्द को प्रोत्साहन देने वाले ‘‘समावेशी राजनीतिक दृष्टिकोण’’ को रेखांकित किया।
जयशंकर इस साल की अपनी पहली विदेश यात्रा के तहत द्वीपीय देश के दौरे पर हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘क्षेत्र में शांति एवं समृद्धि को बढ़ावा देने के अपने प्रयासों में भारत हमेशा श्रीलंका की एकता, स्थिरता और क्षेत्रीय अखंडता के प्रति कटिबद्ध रहा है। श्रीलंका में मेलमिलाप की प्रक्रिया के प्रति हमारा समर्थन चिरकालिक है तथा हम जातीय सौहार्द को बढ़ावा देने के लिए एक समावेशी राजनीतिक दृष्टिकोण रखते हैं।’’
जयशंकर ने कहा, ‘‘एक संगठित श्रीलंका के भीतर समानता, न्याय, शांति एवं सम्मान की तमिल लोगों की उम्मीदों को पूरा करना खुद श्रीलंका के अपने हित में है। 13वें संविधान संशोधन सहित सार्थक अधिकार पर श्रीलंका सरकार द्वारा की गईं प्रतिबद्धताओं पर यह समान रूप से लागू होता है।’’
उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरूप श्रीलंका की प्रगति और समृद्धि को भी निश्चित तौर पर मजबूती मिलेगी।
श्रीलंका के संविधान का 13वां संशोधन तमिल समुदाय को अधिकार देने की बात करता है जिसके तहत देश में प्रांतीय परिषद प्रणाली लाई गई थी। यह संशोधन भारत-श्रीलंका समझौता-1987 के बाद किया गया था और नयी दिल्ली कोलंबो से इस संशोधन को पूर्ण रूप से क्रियान्वित करने को लगातार कहती रही है।
जयशंकर का यह बयान इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि सत्तारूढ़ श्रीलंका पीपुल्स पार्टी और इसके सहयोगी दल प्रांतीय परिषद प्रणाली को खत्म करने के लिए अभियान चला रहे हैं।
पार्टी के सिंहल बहुल कट्टरपंथी 1987 में स्थापित प्रांतीय परिषद प्रणाली को पूरी तरह समाप्त करने की वकालत कर रहे हैं।
तमिल मेल-मिलाप प्रक्रिया का मुद्दा पिछले साल सितंबर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके श्रीलंकाई समकक्ष महिन्दा राजपक्षे के बीच हुए वर्चुअल शिखर सम्मेलन में भी प्रमुखता से उठा था।
मोदी ने कहा था कि श्रीलंका सरकार को तमिल समुदाय के अधिकार सुनिश्चित करने के लिए संवैधानिक प्रावधान को पूरी तरह क्रियान्वित करना चाहिए।
बढ़ती समुद्री चुनौतियों से निपटने में श्रीलंका की क्षमता को मजबूत करने में मदद की भारत की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए जयशंकर ने कहा कि नयी दिल्ली द्वीपीय देश में जेलों में बंद भारतीय मछुआरों की जल्द रिहाई को लेकर आशान्वित है।
जयशंकर ने कहा कि भारत-श्रीलंका संयुक्त कार्यकारी समूह ने हाल में बैठक की थी और मछली पकड़ने से संबंधित सभी लंबित मुद्दों पर खुलकर चर्चा की थी।
उन्होंने कहा, ‘‘हम मछुआरों की जल्द वापसी को लेकर स्वाभाविक तौर पर आशान्वित हैं।’’
श्रीलंकाई जलक्षेत्र में मछली पकड़ने के आरोप में पकड़े गए भारतीय मछुआरों को पिछले सप्ताह जाफना में भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराई थी।
भारतीय उच्चायोग ने यहां कहा कि वह पकड़े गए मछुआरों की जल्द रिहाई के लिए श्रीलंका सरकार के संपर्क में है।
भारत और श्रीलंका के संयुक्त कार्यकारी समूह ने पिछले सप्ताह एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में मछुआरों से जुड़े मुद्दों तथा कोविड-19 महामारी से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के तौर-तरीकों पर चर्चा की थी।
जयशंकर अपने श्रीलंकाई समकक्ष के आमंत्रण पर पांच से सात जनवरी तक द्वीपीय देश की तीन दिन की यात्रा पर हैं। नए साल में किसी विदेशी हस्ती का श्रीलंका का यह पहला दौरा है।
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