नेपाल के नए राष्ट्रपति बने राम चंद्र पोडेल, प्रधानमंत्री के रूप में निर्वाचित होने के लिए 17 बार रहे हैं विफल
By रुस्तम राणा | Published: March 9, 2023 08:50 PM2023-03-09T20:50:01+5:302023-03-09T21:01:22+5:30
राष्ट्रपति चुनाव में पोडेल को 33,802 वोट मिले जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी को 15,518 वोट मिले। राष्ट्रपति चुनाव में कुल 884 मतदाताओं में से 831 सांसदों और विधायकों ने मतदान किया।
काठमांडू: नेपाल के प्रधानमंत्री बनने के 17 असफल प्रयासों के बाद, नेपाली कांग्रेसी नेता राम चंद्र पोडेल को गुरुवार को हिमालयी राष्ट्र के तीसरे राष्ट्रपति के रूप में चुने गए हैं। पोडेल सीपीएन-यूएमएल के अपने प्रतिद्वंद्वी सुभाष चंद्र नेमबांग को 15,000 से अधिक मतों के अंतर से हराकर नेपाल के तीसरे राष्ट्रपति बने। राष्ट्रपति चुनाव में पोडेल को 33,802 वोट मिले जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी को 15,518 वोट मिले। राष्ट्रपति चुनाव में कुल 884 मतदाताओं में से 831 सांसदों और विधायकों ने मतदान किया।
वे नेपाल की राजनीति में बेहद अनुभवी माने जाते हैं। वे 16 साल की उम्र से राजनीति में सक्रिय थे। उन्होंने देश में राजशाही विरोधी आंदोलन में भी सक्रिय भाग लिया। 78 वर्षीय नेता ने अपने 62 साल के राजनीतिक करियर में करीब 15 साल जेल में बिताए। पिछली बार जब तत्कालीन राजा ज्ञानेंद्र ने 2003 में चुनी हुई सरकार को हटाकर सत्ता संभाली थी, तब राम चंद्र पौडेल को उनका विरोध करने के आरोप में गिरफ्तार कर करीब डेढ़ साल की जेल हुई थी।
1991 में पहली बार पोडेल तनहू से सांसद चुने गए और स्थानीय विकास मंत्री बनाए गए। 1994 में जब वे दूसरी बार सांसद बने तो स्पीकर पद के लिए चुने गए। बाद में 1999 में, पौडेल ने गृह मंत्रालय संभाला और नेपाल के उप प्रधानमंत्री भी चुने गए। लगातार छह बार सांसद चुने जाने के बाद, उन्हें नेपाल में संविधान सभा के दौरान नेपाली कांग्रेस के संसदीय दल के नेता के रूप में चुना गया।
उन्होंने 17 बार नेपाल के प्रधानमंत्री पद के लिए चुनाव लड़ा लेकिन निर्वाचित होने में असफल रहे। नेपाल में 2008 में गणतंत्र बनने के बाद से यह तीसरा राष्ट्रपति चुनाव था। नेपाल को अपना पहला राष्ट्रपति 2008 में ऐतिहासिक पीपुल्स मूवमेंट को लोकतंत्र बहाल करने का जनादेश मिलने के दो साल बाद मिला। निर्वाचित संविधान सभा ने 2007 में राजा की सभी शक्तियों को हटाते हुए अंतरिम संविधान को अपनाया। डॉ राम बरन यादव नेपाल गणराज्य के पहले राष्ट्रपति बने।