मालदीव पर संकट मामले में नया मोड़ आया है। राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने देश में इमरजेंसी यानि आपातकाल की घोषणा कर दी है। उन्होंने आज (5 फरवरी) को शाम को ये घोषणा की है। खबर के मुताबिक ये आपातकाल करीब 15 दिन के लिए लगाया गया है।
मालदीव में सुप्रीम कोर्ट और सरकार के बीच विवाद उत्पन्न हो गया है। राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट का आदेश मानने से इनकार किया है, जिसके बाद से पूरे देश में प्रदर्शन हो रहे हैं। बता दें, राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मानने से इनकार कर दिया था। राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के खिलाफ बड़ी संख्या में लोग प्रदर्शन भी लगातार कर रहे हैं।
इस पर सरकार द्वारा दाखिल रिव्यू पिटिशन को चीफ जस्टिस अब्दुल्ला सईद ने खारिज कर दिया और सरकार को आदेश मानने को कहा। इसके साथ ही चीफ जस्टिस ने कहा था कि उन्हें धमकी भरे फोन आ रहे हैं इसलिए वह कुछ वकीलों के साथ कोर्ट में ही रहेंगे। सेना और पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट को घेर रखा था। वहीं, आज वहां के राष्ट्रपति ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने विपक्षी नेताओं के एक समूह की रिहाई का आदेश देने में अपने अधिकारों की सीमा रेखा लांघी है।
आपालकाल लागू होने के बाद आर्मी को हाई अलर्ट पर रखा गया है साथ ही पुलिस और सेना को आदेश दिया गया है कि कि वे राष्ट्रपति की गिरफ्तारी या उन पर महाभियोग चलाने के आदेश को मानने से इनकार कर दें।