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खाड़ी विवाद पर मंत्री को हटाने के लिये लेबनान पर बढ़ रहा है दबाव

By भाषा | Updated: October 31, 2021 20:27 IST

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बेरूत, 31 अक्टूबर (एपी) लेबनान के नेताओं पर उस कैबिनेट मंत्री को हटाने का दबाव बढ़ रहा है जिसकी यमन में युद्ध को लेकर की गई टिप्पणी ने सऊदी अरब के साथ एक राजनयिक विवाद को जन्म दे दिया है।

देश के मैरोनाइट कैथोलिक चर्च के प्रमुख ने अपने रविवार के उपदेश में “निर्णायक कार्रवाई” का आह्वान किया, जिसमें उन्होंने सुझाव दिया कि वह चाहते हैं कि उक्त मंत्री इस्तीफा दे।

कार्डिनल बेचारा राय ने कहा कि सऊदी अरब और अन्य खाड़ी देशों के साथ संकट से वहां रहने वाले हजारों लेबनानियों के साथ-साथ लेबनान के व्यवसायिक हितों के कमजोर होने का खतरा है जो इस क्षेत्र पर निर्भर हैं।

राय ने कहा, “हम राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री तथा सभी संबंधित लोगों से लेबनान-खाड़ी संबंधों को खतरे में डालने वाले ‘विस्फोटक फ्यूज’ को हटाने के लिए निर्णायक कार्रवाई करने की उम्मीद करते हैं।”

उन्होंने कहा, “हम देश और विदेश में रहने वाले लेबनानी लोगों और लेबनान की रक्षा में इस निर्णायक रुख का आह्वान करते हैं।” उनके आह्वान में लेबनानी-सऊदी व्यापार परिषद की टिप्पणियों की गूंज थी। यह एक ऐसा संघ है जो दोनों देशों के व्यापारियों का प्रतिनिधित्व करता है।

रविवार को इसने व्यापार पर संकट के प्रभाव और खाड़ी में रहने वाले हजारों लेबनानियों के आर्थिक हितों पर खतरे को लेकर चेतावनी दी थी।

परिषद ने सरकार से यमन में युद्ध के बारे में टिप्पणियों पर सूचना मंत्री जॉर्ज कोर्डाही को हटाने का आह्वान किया। कोर्डाही की टिप्पणी ने सऊदी अरब के गुस्से को भड़का दिया। प्रमुख लेबनानी दलों के राजनेताओं ने भी परिषद के सुर से सुर मिलाया।

सऊदी अरब के बाद कुवैत और संयुक्त अरब अमीरात ने भी लेबनान के खिलाफ कदम उठाए, जिससे संकटग्रस्त देश पर दबाव बढ़ गया है। इन देशों ने लेबनान से अपने राजदूतों को वापस बुला लिया है और लेबनान से भी उनके देश में मौजूद राजदूतों को वापस बुलाने को कहा है। लेबनान को विदेशी सहायता और अस्थिर आर्थिक एवं वित्तीय संकट में मदद की आवश्यकता है।

लेबनान के सबसे बड़े निर्यात बाजारों में से एक, सऊदी अरब ने सभी लेबनानी आयातों पर प्रतिबंध लगा दिया - एक गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे देश के लिए यह एक बड़ा झटका है। हजारों लेबनानी खाड़ी देशों में रहते हैं और काम करते हैं। वे लाखों डॉलर अपने घर वापस भेजते हैं, जहां वित्तीय संकट ने 50 प्रतिशत से अधिक आबादी को गरीबी में धकेल दिया है।

परिषद ने एक बयान में कहा, “हम सभी अधिकारियों से सऊदी अरब और अन्य खाड़ी देशों के साथ अभूतपूर्व संकट पैदा करने वाले सूचना मंत्री को बर्खास्त करने के लिए आवश्यक उपाय करने का आह्वान करते हैं।”

संकट को और गहरा करने की संभावना वाले एक बयान में, कोर्डाही ने लेबनानी टीवी स्टेशन अल-जदीद को बताया कि उनका फिलहाल इस्तीफा देने का इरादा नहीं है।

लेबनान के अधिकारियों ने संकट के समाधान के लिए अमेरिका से सऊदी अरब के साथ मध्यस्थता की मांग की है।

लेबनान की सरकार के प्रमुख, नजीब मिकाती पहले लंदन और फिर ग्लासगो गए हैं जहां उनके विदेशी राजनेताओं के साथ मिलने और विवाद के समाधान की तलाश करने की उम्मीद है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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