भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दीकी का शव तालिबान ने रेडक्रॉस को सौंपा, भारत ने UN में की हत्या की निंदा, अफगान राष्ट्रपति ने भी जताया दुख

By अभिषेक पारीक | Updated: July 16, 2021 22:02 IST2021-07-16T21:51:56+5:302021-07-16T22:02:12+5:30

पुलित्जर पुरस्कार विजेता भारतीय फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी शुक्रवार को अफगानिस्तान के कंधार प्रांत में पाकिस्तान से लगे एक ‘बॉर्डर क्रॉसिंग’ के पास अफगान सैनिकों और तालिबान आतंकवादियों के बीच भीषण लड़ाई की कवरेज करने के दौरान मारे गए।

Journalist Danish Siddiqui body handed over to the Red Cross by the Taliban, India condemns the killing at the United Nations | भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दीकी का शव तालिबान ने रेडक्रॉस को सौंपा, भारत ने UN में की हत्या की निंदा, अफगान राष्ट्रपति ने भी जताया दुख

दानिश सिद्दीकी। (फाइल फोटो)

Highlightsदानिश सिद्दीकी का शव तालिबान ने अंतरराष्ट्रीय रेडक्रॉस समिति (आईसीआरसी) को सौंप दिया है। बताया जा रहा है कि तालिबान की ओर से चली गोली लगने से उनकी मौत हुई। यह घटना कंधार प्रांत में पाकिस्तान से लगे एक बार्डर क्रॉसिंग के पास हुई। 

समाचार एजेंसी रॉयटर के लिए काम करने वाले पुलित्जर पुरस्कार विजेता भारतीय फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी शुक्रवार को अफगानिस्तान के कंधार प्रांत में पाकिस्तान से लगे एक 'बॉर्डर क्रॉसिंग' के पास अफगान सैनिकों और तालिबान आतंकवादियों के बीच भीषण लड़ाई की कवरेज करने के दौरान मारे गए। सिद्दीकी (38) अशांत कंधार क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से संघर्ष की कवरेज कर रहे थे। सिद्दीकी का शव तालिबान ने अंतरराष्ट्रीय रेडक्रॉस समिति (आईसीआरसी) को सौंप दिया है। 

सूत्रों ने शुक्रवार को कहा कि तालिबान द्वारा रेडक्रॉस समिति को शव सौंपे जाने की सूचना भारत को दे दी गई है और भारतीय अधिकारी पत्रकार के शव को वापस लाने पर काम कर रहे हैं। एक अफगान कमांडर ने रॉयटर को बताया कि अफगान विशेष बल कंधार प्रांत के पास स्पिन बोलदाक के मुख्य बाजार इलाके को फिर से अपने नियंत्रण में करने के लिए संघर्ष में जुटे हुए थे, तभी सिद्दीकी और एक वरिष्ठ अफगान अधिकारी इसकी चपेट में आकर मारे गये। 

बताया जा रहा है कि तालिबान की ओर से चली गोली लगने से उनकी मौत हुई। यह घटना कंधार प्रांत में पाकिस्तान से लगे एक बार्डर क्रॉसिंग के पास हुई। रॉयटर के प्रमुख एम फ्रेडेनबर्ग और प्रधान संपादक एलेस्सांद्रा गलोनी ने एक बयान में कहा, 'हमारे फोटोग्राफर दानिश सिद्दीकी के अफगानिस्तान में मारे जाने की खबर सुनकर हम बहुत दुखी हैं।' वह कंधार प्रांत में अफगान विशेष बलों के सुरक्षा घेरे में थे, तभी शुक्रवार सुबह उन पर हमला हो गया। बयान में कहा गया है, 'दानिश एक शानदार, पुलित्जर पुरस्कार विजेता पत्रकार, एक समर्पित पति और पिता थे और एक बहुत प्यारे सहकर्मी थे। इस संकट की घड़ी में उनके परिवार के साथ हमारी संवेदनाएं हैं।' बयान में कहा गया , 'हम फौरन और अधिक सूचना मांग रहे हैं, क्षेत्र में अधिकारियों के साथ काम कर रहे हैं। '

नयी दिल्ली में भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा, 'काबुल में हमारे राजूदत अफगान अधिकारियों के संपर्क में हैं। हम उनके (सिद्दीकी के) परिवार को घटनाक्रम से अवगत रख रहे हैं।' संयुक्त राष्ट्र में, भारत ने सिद्दीकी की हत्या की निंदा की। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने 'सशस्त्र संघर्ष में नागरिकों की सुरक्षाः मानवीय स्थान को संरक्षित करना' विषय पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कहा, 'अफगानिस्तान के कंधार में रिपोर्टिंग कार्य पर भारतीय फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी की हत्या होने की मैं कड़ी निंदा करता हूं। मैं शोकाकुल परिवार के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं।' भारत में अफगानिस्तान के राजदूत फरीद मामुन्दजई ने शुक्रवार को ट्वीट किया, 'बीती रात (बृहस्पतिवार) कंधार में मेरे मित्र दानिश सिद्दीकी के मारे जाने की खबर सुनकर बहुत दुख पहुंचा। पुलित्जर पुरस्कार विजेता भारतीय पत्रकार अफगान सुरक्षा बलों के साथ वहां पर थे।'

मामुन्दजई ने कहा, 'दो हफ्ते पहले उनके काबुल के लिए प्रस्थान करने से पहले मेरी उनसे मुलाकात हुई थी। उनके परिवार एवं रॉयटर को मेरी संवदेनाएं।' अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कंधार में तालिबान के अत्याचार की कवरेज के दौरान पुलित्जर पुरस्कार विजेता फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी के मारे जाने पर गहरा दुख व्यक्त किया है। गनी ने कहा, 'मैं स्तब्ध कर देने वाली इस खबर से बहुत दुखी हूं कि रॉयटर के फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी कंधार में तालिबान के अत्याचार की कवरेज करने के दौरान मारे गये।'

उल्लेखनीय है कि अमेरिका अपने सैनिकों को 31 अगस्त की समय सीमा से पहले अफगानिस्तान से हटा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने यह समय सीमा निर्धारित की थी। अफगानिस्तान से 20 साल बाद विदेशी सैनिकों की वापसी के बीच तालिबान देश में सरकारी बलों के नियंत्रण वाले क्षेत्रों पर तेजी से अपना कब्जा जमा रहा है, जिससे गृह युद्ध की संभावना बन गई है। तालिबान ने इस हफ्ते स्पिन बोलदाक जिले पर कब्जा कर लिया था। कंधार में और खासतौर पर स्पिन बोलदाक जिले में पिछले कुछ दिनों से भीषण लड़ाई जारी है। स्पिन बोलदाक में एक प्रमुख सीमा पर तालिबान लड़ाकों के कब्जा करने के बाद पाकिस्तान ने इस हफ्ते बलूचिस्तान प्रांत में चमन सीमा पर फ्रेंडशिप गेट क्रासिंग बंद कर दिया था। अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी शुरू होने के बाद सरकारी बलों और तालिबान के बीच झड़पें तेज हो गई हैं। तालिबान ने हाल में दावा किया था कि उसके लड़ाकों ने अफगानिस्तान में 85 प्रतिशत क्षेत्र पर फिर से अपना कब्जा जमा लिया है।

अफगानिस्तान में 1992 से 2021 के बीच 53 पत्रकार मारे गए

कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट (सीपीजे) के मुताबिक 1992 से 2021 के बीच अफगानिस्तान में कुल 53 पत्रकार मारे गये हैं। सिद्दीकी मुंबई में रहा करते थे। उन्हें रॉयटर के फोटोग्राफी स्टाफ के सदस्य के तौर पर पुलित्जर पुरस्कार मिला था। उन्होंने दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया से अर्थशास्त्र में स्नातक किया था और 2007 में जामिया के एजेके मास कम्युनिकेशन रिसर्च सेंटर से जनसंचार की पढ़ाई की थी। वह 2010 में रॉयटर से जुड़े थे। उन्होंने अपने करियर की शुरूआत संवाददाता के तौर पर की थी, जिसके बाद वह फोटो पत्रकारिता में चले गये और 2010 में इंटर्न के तौर पर रॉयटर में शामिल हुए। उन्हें 2018 में फीचर फोटोग्राफी के लिए प्रतिष्ठित पुलित्जर पुरस्कार मिला था। म्यामांर के अल्पसंख्यक रोहिंग्या समुदाय द्वारा सामना किये जाने वाली हिंसा को तस्वीरों में उतारने का काम करने को लेकर उन्हें अपने एक साथी फोटो पत्रकार अदनान आबिदी और पांच अन्य के साथ पुलित्जर पुरस्कार दिया गया था। 

बड़ी घटनाओं को कवर किया

उन्होंने अफगान संघर्ष, हांगकांग प्रदर्शन और एशिया, मध्य पूर्व और यूरोप में अन्य बड़ी घटनाओं को व्यापक रूप से कवर किया था। तालिबान को 2021 में अमेरिका नीत बलों ने सत्ता से बेदखल कर दिया था। अब अमेरिका अपने सैनिक अफगानिस्तान से हटा रहा है, ऐसे में तालिबान लड़ाके देश के विभिन्न हिस्सों पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं। अफगानिस्तान से अमेरिका द्वारा अपने सैनिकों का बड़ा हिस्सा हटा लिये जाने पर पिछले हफ्तों में वहां सिलसिलेवार आतंकी हमले हुए हैं। अमेरिका ने 31 अगस्त तक अपने सैनिकों की पूर्ण वापसी की समय सीमा निर्धारित की है। 

Web Title: Journalist Danish Siddiqui body handed over to the Red Cross by the Taliban, India condemns the killing at the United Nations

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