जो बाइडन का ऐलान, जी-7 देश इंफ्रा योजना के जरिए चीनी 'बेल्ट एंड रोड' को देंगे टक्कर
By आकाश चौरसिया | Published: October 26, 2023 03:18 PM2023-10-26T15:18:27+5:302023-10-26T15:25:28+5:30
सितंबर में G20 शिखर सम्मेलन के मौके पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और जो बाइडेन के नेतृत्व में दुनिया के प्रमुख नेताओं ने महत्वाकांक्षी भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे के शुभारंभ की घोषणा की थी।
नई दिल्ली: अराष्ट्रपति जो बाइडन ने हाल में ऑस्ट्रेलिया प्रधानमंत्री से मीटे में कहा, अमेरिका बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के नेटवर्क के माध्यम से चीन के ब्लेट एंड रोड योजना को मात देने के लिए जी 7 देशों के साथ काम कर रहा है। इसमें सऊदी अरब से यूरोप तक रेलमार्ग को भी जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।
सितंबर में G20 शिखर सम्मेलन के मौके पर, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और बाइडेन के नेतृत्व में दुनिया के प्रमुख नेताओं ने महत्वाकांक्षी भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे के शुभारंभ की घोषणा की थी।
अभी ऑस्ट्रेलिया में रोज गार्डन न्यूज़ कॉन्फ्रेंस में बाइडेन ने कहा, हम उसपर जा रहा है और साथ ही उसपर अलग तरीके से काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बेल्ट एंड रोड पहल उन अधिकांश लोगों के लिए कर्ज के बाद यह फांसी का फंदा बनकर रह गया है, जिन्होंने इसपर हस्ताक्षर किए हैं। बताते चले कि इस जी-7 ग्रुप में यूके, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और अमेरिका शामिल है।
बाइडेन ने एक प्रश्न के जवाब में कहा, हमें जी 20 के अंदर एक उदाहरण सेट करना है कि हम क्षमता रखते हैं। जिसपर चलकर रियाद से मिडिल इस्ट, सऊदी अरब, इजरायल और उसके ग्रीस तक रेलमार्ग स्थापित करें, यही नहीं रेलमार्ग को ही बनाए बल्कि मेडिटेरियन समुद्र तक पाइपलाइन का भी रास्ता बनाएं जो यूरोप जाएं।
यूएस राष्ट्रपति के अनुसार अत्याधिक प्रतिस्पर्धा देकर चीन को मात देना चाहते हैं न कि टकराव कि स्थिति पैदा कर। उन्होंने यह भी बताया कि हम अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुसार आर्थिक गति, राजनीतिक और दूसरे रास्ते पर सामंजस्य बनाकर काम करेंगे। इसका यह मतलब नहीं कि हम किसी को चुनौती दे रहै हैं और उससे टकराव चाहते हैं।
राष्ट्रपति बाइडेन ने आगे कहा, "भरोसा करो लेकिन सत्यापन करो यह मुहावरा है। और देखिए, चीन इस समय अपनी आंतरिक और बाहरी कठिनाइयों से जूझ रहा है। चीन की आर्थिक वृद्धि पहले की तुलना में स्थिर है। चीन उन गतिविधियों में शामिल है, जो रूस और कई अन्य गतिविधियों में शामिल है। यह वो गतिविधि हैं जो दूसरों को डराने-धमकाने और उनसे निपटने के मामले में की हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले हफ्ते, चीन ने अमेरिकी जरूरतों को पूरा करने के लिए पनडुब्बी उत्पादन और रखरखाव को बढ़ावा देने और एयूकेयूएस का समर्थन करने के लिए पूरक निधि में 3.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर का अनुरोध किया था।
एयूकेयूएस संधि, जो यूके, यूएस और ऑस्ट्रेलिया के बीच एक त्रिपक्षीय गठबंधन है, को रणनीतिक इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में आक्रामक चीन के जवाब के रूप में देखा जाता है, जिसमें विवादित दक्षिण चीन सागर के अधिकांश हिस्सों पर उसका दावा शामिल है।