जयशंकर रणनीतिक संबधों को समृद्ध करने के लिए पहुंचे इजराइल

By भाषा | Updated: October 17, 2021 19:02 IST2021-10-17T19:02:32+5:302021-10-17T19:02:32+5:30

Jaishankar arrives in Israel to enrich strategic ties | जयशंकर रणनीतिक संबधों को समृद्ध करने के लिए पहुंचे इजराइल

जयशंकर रणनीतिक संबधों को समृद्ध करने के लिए पहुंचे इजराइल

(हरिंदर मिश्रा)

तेल अवीव, 17 अक्टूबर इजराइल की पांच दिवसीय यात्रा पर रविवार को यहां पहुंचने के बाद विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि इस ‘खास यात्रा’ को लेकर वह आशान्वित हैं।

इस यात्रा के दौरान वह भारत एवं इजराइल के बीच द्विपक्षीय सहयोग के नये क्षेत्रों की संभावनाएं तलाशने के अलावा रणनीतिक संबंधों को और समृद्ध करने के लिए परस्पर रोडमैप तैयार करने के लिए यहां के शीर्ष नेतृत्व के साथ बैठक करेंगे।

यह विदेश मंत्री के रूप में जयशंकर की पहली इजराइल यात्रा है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘शाओलोम (इजराइली अभिवादन) इजराइल। विदेश मंत्री के तौर पर पहली (इजराइल) यात्रा पर पहुंचा। इस खास यात्रा को लेकर (मैं) आशान्वित हूं। ’’

यहां पहुंचने पर हवाई अड्डे पर भारत में इजराइल के राजदूत नाओर गिलोन, इजराइल के विदेश मंत्रालय में मुख्य प्रोटोकॉल अधिकारी राजदूत गिल हसकाल एवं इजराइल में भारत के राजदूत संजीव सिंगला ने अगवानी की।

इस यात्रा के दौरान जयशंकर इजराइल के राष्ट्रपति इसाक हर्जोग, प्रधानमंत्री नेफ्ताली बेनेट तथा विदेश मंत्री येर लापिद से मिलेंगे। वह इजराइल के अकादमिक जगत के विद्वानों, कारोबारी जगत के उद्योगपतियों के साथ भी बैठक करेंगे एवं भारतीय यहूदी समुदाय के साथ संवाद भी करेंगे।

जयशंकर भारत के लिए ऐतिहासिक महत्व के स्थलों पर भी जायेंगे जो इस क्षेत्र में उसकी (भारत की) दीर्घकालिक उपस्थिति तथा इस क्षेत्र के इतिहास को आकार प्रदान करने में उसकी सकारात्मक भूमिका को प्रदर्शित करेगा।

उनकी इस इजराइल यात्रा की शुरुआत प्रथम विश्व युद्ध में इस क्षेत्र में जान न्योछावर करने वाले भारतीय वीर सैनिकों के लिए यरूशलम में तालपेयोट स्मारक पर श्रद्धांजलि देने के साथ शुरू होगी।

यरूशलम, रामले और हैफा में करीब 900 भारतीय सैनिकों को दफनाया गया था।

भारतीय सैनिकों के साहसिक कारनामे यहां पिछले दो दशकों में प्रमुखता से सामने आये हैं तथा उत्तरी तटीय शहर हैफा की मुक्ति की कहानी इस शहर के स्थानीय इतिहास पाठ्यपुस्तकों में शामिल किये जाने के बाद घरों में सुनायी जाने वाली कहानी बन गयी है। इतिहासकार इसे ‘‘इतिहास में घुड़सवार सेना का आखिरी महान अभियान‘‘ मानते हैं।

भारतीय सेना वीर भारतीय घुड़सवार रेजीमेंटों-मैसूर, हैदराबाद और जोधपुर लांसर्स के सम्मान में हर वर्ष 23 सितंबर को हैफा दिवस मनाती है। इन रेजीमेंट ने 15वीं इंपीरियल सर्विस कैवलरी (घुड़सवार) ब्रिगेड के हमले के बाद हैफा को मुक्त कराने में मदद की थी।

इजराइल के साथ दोस्ती के सांकेतिक प्रतीक के तौर पर भारत ने जनवरी, 2018 में इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू की भारत यात्रा के दौरान ऐतिहासिक (युद्ध स्मारक) तीन मूर्ति चौक का नाम बदलकर तीन मूर्ति हैफा चौक कर दिया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जुलाई, 2017 में अपनी इजराइल यात्रा के दौरान हैफा स्मारक स्थल पर गये और इस शहर की मुक्ति में मेजर दलपत सिंह की अहम भूमिका को लेकर उनके सम्मान में एक पटि्टका का अनावरण किया था।

उन्होंने आंगुतक पुस्तिका में लिखा था, ‘‘मैं उन साहसी भारतीय सैनिकों को सलाम करने के लिए आज यहां खड़ा हूं जिन्होंने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान हैफा की मुक्ति के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी।’’

इजराइल डाक विभाग ने इस शहर की मुक्ति में भारतीय सैनिकों की भूमिका की प्रशंसा में 2018 में स्मारक डाक टिकट जारी किया था।

यात्रा के पहले दिन जयशंकर के अन्य कार्यक्रमों में भारत -इजराइल कारोबारी गोलमेज सम्मेलन की अध्यक्षता करना तथा भारतीय यहूदी समुदाय एवं भारत विषय के विशेषज्ञों के साथ बैठक करना शामिल है।

वह ‘बंबई / मुंबई : सिटी हेरीटेज वॉक्स’ पुस्तक का भी विमोचन करेंगे जिसे हीब्रू विश्वविवद्यालय के प्रोफेसर शॉल सापिर ने लिखा है। सापिर का जन्म भारत में हुआ था।

भारत एवं इजरायल जुलाई, 2017 में मोदी की ऐतिहासिक यात्रा के दौरान अपने द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाकर रणनीतिक संबंधों तक ले गये थे।

(भारतीय) विदेश मंत्रालय ने कल कहा था कि इसके बाद से दोनों देश ज्ञान आधारित अपने गठजोड़ को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किये हुए हैं जिसमें नवोन्मेष एवं शोध तथा ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम को गति प्रदान करने पर जोर दिया जा रहा है।

इस यात्रा की जमीन अगस्त में मोदी और उनके इजराइली समकक्ष के बीच टेलीफोन पर हुई वार्ता में तैयार हुई थी जब दोनों नेता सहयोग का विस्तार करने पर राजी हुए और उन्होंने तय किया कि दोनों देशों के विदेश मंत्री भारत इजराइल साझेदारी को समृद्ध करने के लिए रोडमैप तैयार करेंगे।

जयशंकर को इजराइल के विदेश मंत्री येर लापिद ने आने का न्यौता दिया था।

टेलीफोन पर बातचीत के दौरान मोदी ने बेनेट को जून में इजराइल के प्रधानमंत्री का पदभार ग्रहण करने पर बधाई दी थी। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया था कि भारत कृषि, जल, रक्षा एवं सुरक्षा और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में इजराइल के साथ मजबूत सहयोग को अहमियत देता है।

अगले साल दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों के तीस साल पूरा हो जाने को याद करते हुए मोदी ने बेनेट को भारत आने का न्यौता दिया था।

भारत इजराइल के सैन्य हार्डवेयर का सबसे बड़ा खरीददार है। पिछले कुछ सालों से इजराइल विभिन्न हथियार प्रणाली, मिसाइल, मानवरहित यान भारत को प्रदान कर रहा है।

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Web Title: Jaishankar arrives in Israel to enrich strategic ties

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