आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने बदला नाम, भारत में आतंकी हमले के लिए तैयार किए 30 आत्मघाती हमलावर

By रामदीप मिश्रा | Updated: September 24, 2019 14:35 IST2019-09-24T08:58:21+5:302019-09-24T14:35:10+5:30

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान बौखलाया हुआ है और भारत को निशाना बनाने के लिए आतंकवाद को सह दे रहा है। इधर, आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का नाम बदल दिया गया है।

Jaish-e-Mohammed changes name to Majlis Wurasa-e-Shuhuda Jammu wa Kashmir to ward off international pressure | आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने बदला नाम, भारत में आतंकी हमले के लिए तैयार किए 30 आत्मघाती हमलावर

File Photo

Highlightsआतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) का नाम बदल दिया गया है और अब उसका नाम मजलिस वुरसा-ए-शुहुदा जम्मू वा कश्मीर रखा गया है। इस संगठन की कमान मसूद अजहर के छोटे भाई मुफ्ती अब्दुल रऊफ असगर के पास है।मसूद अजहर, विश्व स्तर पर नामित आतंकवादी है।

वैश्विक दवाब के चलते आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) का नाम बदल दिया गया है और अब उसका नाम मजलिस वुरसा-ए-शुहुदा जम्मू वा कश्मीर रखा गया है। उसने कदम इसलिए उठाया ताकि जिहादी प्रशिक्षण गतिविधियों पर अंतर्राष्ट्रीय दबाव और जांच से बचा जा सके। इस संगठन की कमान मसूद अजहर के छोटे भाई मुफ्ती अब्दुल रऊफ असगर के पास है। बता दें कि मसूद अजहर, विश्व स्तर पर नामित आतंकवादी है। इस समय वह पाकिस्तान के भवालपुर में मरकज़ उस्मान-ओ-अली में है और बीमार बताया जा रहा है।

JeM के झंडे में किया गया मामूली बदलाव

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में काउंटर टेरर एजेंसियों का कहना है कि जैश एक नए नाम के साथ फिर से उभरा है, लेकिन उसका नेतृत्व और आतंकवादी कैडर एक ही है। इसे पहले खुद्म-उल-इस्लाम और अल रहमत ट्रस्ट के रूप में जाना जाता था। जैश के  नए अवतार मजलिस वुरसा-ए-शुहुदा जम्मू वा कश्मीर (जो कि जम्मू और कश्मीर के शहीदों के वंशजों का जमावड़ा है) का झंडा वही है। इसमें 'अल-इस्लाम' शब्द के बदलाव के साथ 'अल-जिहाद' जोड़ा गया।

जैश 30 आत्मघाती हमलावर कर रहा तैयार

पाकिस्तान पर नजर रखने वालों के मुताबिक, जैश ने भारत को टक्कर देने के लिए 30 आत्मघाती हमलावरों का एक समूह तैयार किया है, वह विशेष रूप से सैन्य छावनियों और जम्मू-कश्मीर में भारतीय सुरक्षा बलों के काफिलों को निशाना बनाना चाहता है। रऊफ असगर ने इस महीने बालाकोट में मरकज सैयद अहमद शहीद प्रशिक्षण शिविर को न केवल दोबारा सक्रिय किया है, बल्कि भारतीय सुरक्षा बलों के कंपों पर हमला करने के लिए भवालपुर और सियालकोट में भर्तियां भी कर रहा है।

450-500 प्रशिक्षित आतंकवादियों के घुसपैठ की फिराक में

बता दें जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान बौखलाया हुआ है और भारत को निशाना बनाने के लिए आतंकवाद को सह दे रहा है। यही वजह है कि पाकिस्तान के बालाकोट में दोबारा से आतंकी सक्रिय हो गए हैं और उन्हें ट्रेनिंग दी जी रही है। वहीं, घाटी में अशांति पैदा करने के लिए करीब 450-500 प्रशिक्षित आतंकवादियों के घुसपैठ की फिराक में होने की सूचना मिलने के बाद भारतीय सुरक्षा बलों को जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर इस तरह की किसी भी कोशिश से प्रभावी तौर पर निपटने के लिए पूरी छूट दी गई है। 

बालाकोट में आतंकवादी शिविर फिर से सक्रिय

कहा गया है कि भारत में घुसने का इंतजार कर रहे कुछ आतंकवादियों को बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के शिविर में प्रशिक्षित किया गया, जहां भारतीय वायु सेना ने फरवरी में बम गिराये थे। सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने सोमवार को कहा कि पाकिस्तान ने हाल ही में बालाकोट में आतंकवादी शिविर को फिर से सक्रिय किया है। बताया गया है कि पाकिस्तान की योजना कश्मीर में अशांति फैलाने की है ताकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने यह दिखाया जा सके कि भारत द्वारा जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा हटाये जाने के बाद से घाटी में स्थिति बिगड़ रही है। सेना अत्यंत चौकन्नी है और उसे किसी भी सुरक्षा चुनौती से ‘‘प्रभावी’’ रूप से निपटने के लिए पूरी छूट दी गई है।

Web Title: Jaish-e-Mohammed changes name to Majlis Wurasa-e-Shuhuda Jammu wa Kashmir to ward off international pressure

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