यूएई के साथ समझौता साबित करता है कि इजराइल को कब्जे की जमीन से पीछे हटने की जरूरत नहीं: नेतन्याहू

By भाषा | Updated: August 17, 2020 05:45 IST2020-08-17T05:45:57+5:302020-08-17T05:45:57+5:30

अमेरिका की मध्यस्थता में हुए समझौते के तहत इजराइल को पश्चिमी तट के इलाकों पर कब्जा करने की अपनी विवादित योजना स्थगित करनी होगी, जिसकी फलस्तीन मांग कर रहा है।

Israeli Prime Minister Netanyahu says deal with UAE signals end to 'land for peace' | यूएई के साथ समझौता साबित करता है कि इजराइल को कब्जे की जमीन से पीछे हटने की जरूरत नहीं: नेतन्याहू

फाइल फोटो

Highlightsनेतन्याहू ने जोर देते हुए कहा है कि कब्जा करने की योजना अमेरिका के अनुरोध पर सिर्फ ‘‘अस्थायी रूप से स्थगित’’ की गई है। ज्यादातर अरब देशों की तरह यूएई भी लंबे समय तक इजराइल के साथ आधिकारिक राजनयिक संबंधों को खारिज करता रहा है। 

यरूशलम: इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को कहा कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के साथ पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित करने के लिये समझौते के होने से यह साबित होता है कि इजराइल को कब्जा किये गये जमीन से पीछे हटने की जरूरत नहीं है। हालांकि, अरब राष्ट्रों के साथ शांति कायम करने और संबंधों को सामान्य बनाने के लिये फलस्तीनियों ने इसकी मांग की थी। उल्लेखनीय है कि बृहस्पतिवार को इजराइल और यूएई ने पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित करने की घोषणा की। 

अमेरिका की मध्यस्थता में हुए समझौते के तहत इजराइल को पश्चिमी तट के इलाकों पर कब्जा करने की अपनी विवादित योजना स्थगित करनी होगी, जिसकी फलस्तीन मांग कर रहा है। वहीं, नेतन्याहू ने जोर देते हुए कहा है कि कब्जा करने की योजना अमेरिका के अनुरोध पर सिर्फ ‘‘अस्थायी रूप से स्थगित’’ की गई है। ज्यादातर अरब देशों की तरह यूएई भी लंबे समय तक इजराइल के साथ आधिकारिक राजनयिक संबंधों को खारिज करता रहा है। 

उसका यह कहना रहा है कि शांति वार्ता में रियायत के बदले में ही मान्यता मिलेगी। हालांकि, इजराइल के साथ इसके समझौते ने लंबे समय के इस रवैये को बदल दिया। नेतन्याहू ने एक वीडियो बयान में कहा, ‘‘फलस्तीनियों और उनसे सहमति रखने वाले विश्व के कई अन्य के मुताबिक बस्तियों को उजाड़े और यरूशलम को विभाजित किये बिना और फलस्तीनियों की मांग को माने बगैर शांति स्थापित नहीं हो सकती । ’’ 

उन्होंने कहा कि शांति स्थापित करने के लिये यह अवधारणा अब दुनिया से खत्म हो चुकी है। दरअसल, फलस्तीनी पश्चिमी तट (वेस्ट बैंक), पूर्वी यरूशलम और गाजा पट्टी चाहते हैं। उनके लिये शांति स्थापित करने का आधार इन इलाकों से कब्जा खाली किया जाना है। इजराइल ने इन क्षेत्रों पर 1967 के पश्चिम एशिया युद्ध में कब्जा किया था, हालांकि उसने अपने सैनिक और गाजा से बसाये गये लोगों को 2005 में हटा लिया। 
फलस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास के प्रवक्ता नबील अबू रदेनेह ने कहा, ‘‘पूर्वी यरूशलम को राजधानी माने जाने के साथ फलस्तीनी मुल्क के आधार पर शांति स्थापित होनी चाहिए। यह अरब और अंतरराष्ट्रीय आम सहमति है तथा इसके अलावा किसी चीज का कोई महत्व नहीं है। ’’ 

यूएई, इजराइल के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने वाला पहला अरब देश बन गया है और सामान्य संबंध स्थापित करने वाला केवल तीसरा अरब राष्ट्र है। गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बृहस्पतिवार को घोषणा की थी कि संयुक्त अरब अमीरात और इजराइल पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित करने के लिए सहमत हुए हैं।

Web Title: Israeli Prime Minister Netanyahu says deal with UAE signals end to 'land for peace'

विश्व से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे