Israel-Hamas War: इजराइली मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल सरकार ने देश में अल जज़ीरा कार्यालयों को बंद करने की मंजूरी दे दी है। साथ ही नेटवर्क के उपकरण जब्त करने का भी आदेश दे दिया है। इजराइली अधिकारियों ने दावा किया है कि इजराइल से प्रसारित होने वाले अल जज़ीरा की खबरों से आईडीएफ सैनिकों और नागरिकों को खतरा पैदा होता है।
हमास के खिलाफ युद्ध की घोषणा के बाद इजराइली संचार मंत्री श्लोमो करही ने इजराइल में अल जजीरा ब्यूरो को बंद करने का प्रस्ताव रखा था। अल जजीरा, एक कतर आधारित अंतर्राष्ट्रीय समाचार चैनल है जो गाजा और इजराइल दोनों में एक महत्वपूर्ण उपस्थिति रखता है। अल जजीरा का इजराइल के साथ तनावपूर्ण संबंध रहा है। मई 2022 में अल जजीरा संवाददाता शिरीन अबू अकलेह की हत्या का आरोप नेटवर्क ने इजराइल पर लगाया था।
इजराइल का आरोप है कि अल जजीरा न केवल एकपक्षीय खबरें चला रहा है बल्कि उसके द्वारा की जा रही रिपोर्टिंग से इजराइली सेना के जवानों को खतरा भी पैदा होता है। बता दें कि बता दें कि 7 अक्टूबर को, हमास आतंकवादी समूह ने जमीनी हमले से पहले इज़राइल के खिलाफ हजारों रॉकेट लॉन्च किए। आतंकवादियों ने दक्षिणी इज़राइल के कस्बों और किबुत्ज़िम में 1,400 से अधिक लोगों की हत्या कर दी और 3,400 अन्य को घायल कर दिया।
इस हमले के बाद इजराइल ने युद्ध की घोषणा की थी। इजराइली लड़ाकू विमान लगातार गाजा पर बम बरसा रहे हैं। इज़राइल इस हमले का जवाब हवाई हमलों से दे रहा है, जिसमें अब तक गाजा में कम से कम 4,000 लोग मारे गए हैं और हजारों घायल हुए हैं। इन हताहतों में से अधिकांश फ़लस्तीनी नागरिक हैं। गाजा पर संभावित जमीनी हमले की तैयारी के लिए इज़राइल ने भी तेजी से लगभग 360,000 आरक्षित सैनिक जुटाए हैं।
इस जंग के पूरे अरब में फैलने की चिंता भी जताई जा रही है। इजराइल के रक्षामंत्री द्वारा सैनिकों को गाजा को 'भीतर से देखने' यानी व्यापक स्तर पर जमीनी हमले के लिए तैयार होने के आदेश दिए जाने बीच बृहस्पतिवार को गाजा पट्टी पर हवाई हमले जारी रहे और इसके दक्षिणी भाग पर भी हमले किए गए जहां फलस्तीनियों को शरण लेने के लिए कहा गया था। हालांकि यह नहीं बताया गया है कि जमीनी स्तर हमला कब शुरू होगा।