नई दिल्ली: फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद समूह (पीआईजे) के खिलाफ इजरायल का सैन्य अभियान जारी है। इजरायल ने गाजा पट्टी पर लगातार दूसरे दिन भी बमबारी की जिसमें अब तक 6 बच्चों समेत 31 लोगों की जान जाने की खबर है। बीते 5 अगस्त को इजरायल ने गाजा में किए एक हवाई हमले में शीर्ष स्तर के पीआईजे कमांडर को मार गिराया था। इसके बाद से ही दोनो पक्षों में टकराव शुरू हुआ। इजरायल का कहना है कि फिलस्तीन की तरफ से हमारी तरफ लगभग 450 रॉकेट दागे गए हैं जिनमें से 350 ही इज़राइल तक पहुंच पाए। बाकी सभी को इजरायल के आयरन डोम मिसाइल-रक्षा प्रणाली ने नष्ट कर दिया। उधर इस्लामिक जिहाद ग्रुप (पीआईजे) ने बयान जारी कर रहा है कि दुश्मन ने हमारे लोगों को टारगेट कर युद्ध की शुरुआत कर दी है। हमारा कर्तव्य है कि हम अपने लोगों को बचाएं और दुश्मन की किसी भी कार्रवाई को रोकें। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि ये संघर्ष लंबा खिंच सकता है।
इजरायल के विरोध में उतरे मुस्लिम देश
गाजा पट्टी पर इयरायल की कार्रवाई से मुस्लिम देश गुस्से में हैं। सऊदी अरब, ईरान, पाकिस्तान, मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात, और कतर जैसे इस्लामिक देशों ने इसराइल की कार्रवाई की कड़ी निंदा की है और कहा है कि वह फिलस्तीन और उसके नागरिकों के साथ खड़े हैं। इस्लामिक देशों ने इजरायल को इन हमलों का अंजाम भुगतने की चेतालनी भी दी है। सऊदी अरब ने बयान जारी कर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से संघर्ष को खत्म करने के लिए अपनी जिम्मेदारी निभाने का आह्वान करते हुए कहा है कि वे गाजा के आम लोगों को सुरक्षा मुहैया कराएं। वहीं ईरान ने फलीस्तीनियों को अपना समर्थन दिया है। ईरान ने कहा है कि इसराइल के खिलाफ लड़ाई में फिलस्तीन अकेला नहीं है। ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम राईसी ने कहा है कि इसराइल ने एक बार फिर दुनिया को अपना प्रभाव जमाने वाला और आक्रामक स्वभाव दिखाया है।
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी ट्वीट कर कहा है, ''इसराइल अपनी सैन्य शक्ति का उपयोग, फिलीस्तीनी लोगों को अपने काबू में करने के साथ उसके हक के लिए और इसरायली कब्जे को खत्म करने के लिए खड़े होने वालों को अलग-थलग करने के लिए कर रहा है। हम बहादुर फलीस्तीनी लोगों के साथ खड़े हैं और वैश्विक ताक़तों से अपनी चुप्पी तोड़ने और फिलीस्तीनी लोगों पर इसरायल के किए गए अत्याचारों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करते हैं।''