तेल अवीव: इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बीते रविवार को फिलिस्तीनी राष्ट्रीय प्राधिकरण के उस दावे को "गलत" बताया, जिसमें कहा गया था कि इजरायल ने गाजा के पास हो रहे एक संगीत समारोह में हिस्सा लेने वाले अपने ही नागरिकों की हत्या कर दी है।
पीएम नेतन्याहू ने इस मामले में कहा कि फिलिस्तीन द्वारा फैलाई जा रही इजरायली नागरिकों की इजरायली सैनिकों द्वारा नरसंहार की बात पूरी तरह से गलत है और 'सच्चाई के ठीक उलट' है।
समाचार वेबसाइट इंडिया टुडे के अनुसार पीएम नेतन्याहू ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि वेस्ट बैंक में फिलिस्तीन का नेतृत्व करने वाले महमूद अब्बास द्वारा की गई टिप्पणियां गलत हैं।
उन्होंने कहा, "आज, रामल्लाह में फ़िलिस्तीनी प्राधिकरण ने पूरी तरह से बेतुकी बात कही। उसने इस बात से इनकार किया कि वह हमास था, जिसने गाजा के पास उत्सव मना रहे लोगों के भयानक नरसंहार को अंजाम दिया है। उसने इज़राइल पर उस नरसंहार को अंजाम देने का आरोप लगाया है, जबकि सच्चाई से पूरी तरह उलट है।”
पीएम नेतन्याहू ने कहा कि फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास की टिप्पणी अस्वीकार्य है और क्षेत्र में शांति हासिल करने का यह तरीका सही नहीं है।
उन्होंने कहा, "मेरा लक्ष्य है कि हमास को नष्ट करने के अगले दिन गाजा में स्थापित होने वाला नागरिक प्रशासन अपने बच्चों को आतंकवादी बनने के लिए शिक्षित नहीं करेगा और न आतंकवादियों के लिए भुगतान करेगा। वह अपने बच्चों को यह नहीं बताएगा कि उनके जीवन का अंतिम लक्ष्य इजरायल का विनाश देखना है। हमें यह स्वीकार्य नहीं है और न ही शांति हासिल करने का यह तरीका है।''
इस बीच इज़राइल ने गाजा की सबसे बड़े अल शिफा अस्पताल को हमास द्वारा अपने अड्डे के रूप में इस्तेमाल करने वाले दावों को तेज करते हुए कहा है कि वहां पर एक बंदी सैनिक को मार डाला गया है और दो विदेशियों को बंधक बनाकर रखा गया है।
इज़राइल रक्षा बलों (आईडीएफ) ने दावा किया कि दो बंधकों, जिनमें से एक नेपाली और एक थाई नागरिक है। उनका हमास ने 7 अक्टूबर के हमले के दौरान इज़रायल से अपहरण कर लिया था और अल शिफा अस्पताल ले गये थे।
इज़रायल ने 15 नवंबर को अल शिफ़ा अस्पताल पर हमला करना शुरू किया था। इजरायल का आरोप है कि अल शिफा का उपयोग हमास द्वारा कमांड सेंटर के रूप में किया जा रहा था और अस्पताल के नीचे सुरंगों का नेटवर्क चल रहा था।
फिलिस्तीनी अधिकारियों ने ताजा जानकारी देते हुए बताया कि युद्ध शुरू होने के बाद से गाजा में अब तक 11,500 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। वहीं इजरायल में लगभग 1,200 लोग मारे गये हैं।