Israel–Hamas war: 7 अक्टूबर को हमास आतंकवादियों द्वारा इज़रायल पर किए गए हमले के बाद शुरू हुआ युद्ध अबतक जारी है। इजरायल की लगातार बमबारी और टैंकों से किए हमले से गाजा मलबे के ढेर में तब्दील हो चुका है। गाजा के हालात पर संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने कहा है कि गाजा पट्टी यूक्रेन की तुलना में अधिक युद्ध मलबे से भरी हुई है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार इस मलबे को हटाना आसान नहीं है।
मलबे के ढेर में दबे हुए ऐसे बम जो फटे नहीं है वो बड़ा खतरा हैं। इसके अलावा इसमें एस्बेस्टस जैसे विषाक्त पदार्थों का संभावित जोखिम भी शामिल है। संयुक्त राष्ट्र माइन एक्शन सर्विस (यूएनएमएएस) ने अनुमान लगाया है कि अप्रैल के मध्य में गाजा में मलबे की मात्रा 37 मिलियन टन या 300 किलोग्राम प्रति वर्ग मीटर होगी।
जिनेवा में यूएनएमएएस कार्यक्रम के प्रमुख मुंगो बिर्च ने कहा कि मलबे की विशाल मात्रा ही एकमात्र समस्या नहीं है। यह मलबा संभवतः यूएक्सओ (अविस्फोटित आयुध) से भारी मात्रा में दूषित है। मलबे में अन्य खतरों के कारण इसकी निकासी और भी जटिल हो जाएगी। अकेले गाजा के मलबे में 800,000 टन से अधिक एस्बेस्टस होने का अनुमान है। निर्माण में उपयोग किए जाने वाले एस्बेस्टस से कैंसर पैदा का खतरा होता है इसलिए इसे संभालते समय विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है।
यूएनएमएएस, जो सभी प्रकार के विस्फोटक आयुधों से उत्पन्न खतरों को कम करने के लिए काम करता है, गाजा में खदान कार्रवाई के लिए समन्वय निकाय बन जाएगा। इसने 5 मिलियन डॉलर की फंडिंग हासिल कर ली है लेकिन अगले 12 महीनों में गाजा में अपना काम जारी रखने के लिए 40 मिलियन डॉलर की और जरूरत है। गाजा को आबादी के लिए फिर से सुरक्षित बनाने के लिए पूरे क्षेत्र को कई वर्षों में करोड़ों अमेरिकी डॉलर की आवश्यकता होगी।
बता दें कि युद्ध 7 अक्टूबर को हमास आतंकवादियों द्वारा इज़रायल पर किए गए हमले के कारण शुरू हुआ था जिसमें 1,200 लोग मारे गए थे और 253 बंधक बनाए गए थे। इजरायल ने गाजा को नियंत्रित करने वाले हमास को खत्म करने की कसम खाई है। इस युद्ध के कारण 20 लाख से ज्यादा की आबादी विस्थापित हो चुकी है। 34,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं।