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ईरान, वैश्विक ताकतें परमाणु समझौते में अमेरिका की वापसी का स्वागत करने को तैयार

By भाषा | Updated: April 2, 2021 20:37 IST

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ब्रसेल्स, दो अप्रैल (एपी) ईरान और वैश्विक ताकतों ने शुक्रवार को कहा कि परमाणु समझौते में अमेरिका के लौटने का वे स्वागत करने को तैयार हैं।

डिजिटल तरीके से आयोजित बैठक के बाद जारी एक बयान के मुताबिक, यूरोपीय संघ, चीन, फ्रांस, जर्मनी, रूस, ब्रिटेन और ईरान वाले समूह के अध्यक्ष ने कहा है कि भागीदार परमाणु समझौता को बरकरार रखने को लेकर प्रतिबद्ध हैं और इसके पूर्ण तथा प्रभावी तरीके से क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के तौर-तरीकों पर चर्चा की गई।

समूह ने कहा कि वे पाबंदी हटाए जाने को चिह्नित करने और परमाणु क्रियान्वयन कदमों को लेकर 2015 के समझौते पर वियना में अगले सप्ताह आगे की वार्ता करेंगे।

बयान में कहा गया कि समूह के समन्वयक परमाणु समझौता के सभी भागीदारों और अमेरिका के साथ वियना में अलग से संपर्क के लिए प्रयास तेज करेंगे।

अमेरिकी अधिकारियों ने सार्वजनिक तौर पर फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं की है लेकिन बृहस्पतिवार को अमेरिका ने इस खबर का स्वागत किया था कि यूरोप के देश ईरान के साथ फिर से वार्ता करने का प्रयास कर रहे हैं।

विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने घटनाक्रम को सकारात्मक कदम बताया था।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के दौरान अमेरिका 2018 में समझौते से बाहर हो गया था लेकिन जो बाइडेन जब राष्ट्रपति बने तो उन्होंने समझौते में फिर से शामिल होने की सहमति जतायी।

हालांकि इसमें कई जटिलताएं आ चुकी हैं और ईरान लगातार समझौते की शर्तों का उल्लंघन कर रहा है।

ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जरीफ ने कहा कि ईरान और अमेरिका के अधिकारियों के बीच बैठक की कोई योजना नहीं बनी है।

जरीफ ने एक ट्वीट में कहा कि वियना सत्र का लक्ष्य तेजी से पाबंदी हटाने पर होगा।

तेहरान में सरकारी टेलीविजन ने ईरान के परमाणु वार्ताकार अब्बास अरघची के हवाले से बताया कि शुक्रवार को डिजिटल बैठक में उन्होंने कहा कि परमाणु समझौते में अमेरिका के लौटने के लिए किसी वार्ता की जरूरत नहीं है और रास्ता बिल्कुल साफ है।

अरघची ने कहा, ‘‘अमेरिका समझौते में लौट सकता है और जिस तरह वह समझौते से बाहर हुआ तथा ईरान पर अवैध पाबंदियां लगायी गयीं उसे वह खत्म कर सकता है।’’

वहीं, वियना में अंतरराष्ट्रीय संगठनों में रूस के राजदूत मिखाइल उलयानोव ने कहा, ‘‘ऐसी धारणा है कि हम सही रास्ते पर हैं लेकिन आगे का रास्ता आसान नहीं होगा और सघन प्रयास करने होंगे। भागीदार इसके लिए तैयार प्रतीत होते है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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