अर्नब के खिलाफ मामला बंद करने को लेकर पहले के आईओ के खिलाफ होगी जांच

By भाषा | Updated: November 4, 2020 22:22 IST2020-11-04T22:22:05+5:302020-11-04T22:22:05+5:30

Investigation will be done against the earlier IO for closing the case against Arnab | अर्नब के खिलाफ मामला बंद करने को लेकर पहले के आईओ के खिलाफ होगी जांच

अर्नब के खिलाफ मामला बंद करने को लेकर पहले के आईओ के खिलाफ होगी जांच

मुंबई, चार नवंबर महाराष्ट्र में 53 वर्षीय इंटीरियर डिजाइनर को खुदकुशी के लिए उकसाने के मामले की पहले तफ्तीश करने वाले अधिकारी को जांच का सामना करना पड़ेगा। इसी मामले में रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वासी को गिरफ्तार किया गया है।

पुलिस ने बताया कि पहले के जांच अधिकारी (आईओ) ने मामले में क्लोजर रिपोर्ट दायर की थी और कहा था कि कोई सबूत नहीं मिला है।

महाराष्ट्र सरकार ने इस साल मई में मामले की नये सिरे से जांच कराने की घोषणा की थी। साल 2018 में अन्वय नाइक को खुदकुशी के लिए उकसाने के आरोप में गोस्वामी को गिरफ्तार किया गया है।

नाइक की मौत के बाद रायगढ़ जिले के अलीबाग में गोस्वामी और अन्य के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

हालांकि, आईओ ने 26 अप्रैल 2019 को स्थानीय अदालत में `समरी रिपोर्ट` दायर कर कहा था कि कोई सबूत नहीं है।

रायगढ़ पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मामले को फिर से खोलने के सरकार के फैसले के बाद रायगढ़ पुलिस ने इस साल 15 अक्टूबर को अदालत को सूचित किया था कि वे तत्कालीन आईओ के खिलाफ भी जांच करेगी।

कॉन्कॉर्ड डिज़ाइन्स प्राइवेट लिमिटेड’ के मालिक अन्वय नाइक ने ‘सुसाइड नोट’ में लिखा था कि गोस्वामी, ‘आईकास्टएक्स/स्कीमीडिया’ के फिरोज शेख और ‘स्मार्ट वर्क्स’ के नीतीश सारदा द्वारा बकाया पैसों का भुगतान न किए जाने की वजह से वह आत्महत्या कर रहे हैं।

पुलिस ने बताया कि ‘सुसाइड नोट’ के अनुसार, इन तीनों कंपनियों द्वारा नाइक को क्रमश: 83 लाख रुपये, चार करोड़ रुपये और 55 लाख रुपये दिए जाने थे।

Web Title: Investigation will be done against the earlier IO for closing the case against Arnab

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