पाक सेना ने आतंकियों से बढ़ाई नजदीकी, भारतीय सेना अलर्ट

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 29, 2019 10:19 IST2019-12-29T10:19:13+5:302019-12-29T10:19:13+5:30

इस महीने की शुरुआत में पाकिस्तान रेंजर्स के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने अहले सुन्नत वल जमात के प्रमुख औरंगजेब फारूकी से मुलाकात की थी जो अहले सुन्नत वल जमात पाकिस्तान के कुख्यात सिपाह-ए-सहाबा पाकिस्तान का हिस्सा है। इस संगठन ने पाकिस्तान में सैकड़ों की संख्या में शिया अल्पसंख्यकों की हत्या कर दी थी।

indian army on alert as pak army boosts ties with terrorists jamia rashidia madrassa jihad | पाक सेना ने आतंकियों से बढ़ाई नजदीकी, भारतीय सेना अलर्ट

फोटो क्रेडिट: ट्वीटर

Highlightsसिपाह-ए-सहाबा (SSP) पाकिस्तान को 2002 में पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने प्रतिबंधित कर दिया था।बाद में संगठन ने अपना नाम बदलकर अहले सुन्नत वाल जमात (ASWJ) कर लिया लेकिन 2012 में पाकिस्तान सरकार ने इसे भी प्रतिबंधित कर दिया था।

पाकिस्तान की सेना और सुरक्षा अधिकारियों द्वारा आतंकियों से मेलजोल बढ़ाने से भय और तनाव पैदा हो गया है। पाक की इन हरकतों को देखते हुए जम्मू-कश्मीर और गुजरात के सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा को सख्त कर दिया गया है। आशंका जताई जा रही है कि आतंकियों की मदद से पाकिस्तान भारत में बड़े हमले को अंजाम देने की फिराक में है। 

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, 27 दिसंबर को पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कराची स्थित जामिया रशीदिया मदरसे का दौरा किया था। इस मदरसे का संबंध जैश-ए-मोहम्मद से है। इस दौरे के दौरान आसिफ गफूर का स्वागत किसी हीरो की तरह किया गया। इस मदरसे का नाम 2002 में वॉल स्ट्रीट जर्नल के रिपोर्टर डैनियल पर्ल के अपहरण और हत्या से जुड़ा था। 

आसिफ गफूर ने इस यात्रा पर कोई सार्वजनिक पोस्ट नहीं की लेकिन ट्विटर पर पोस्ट की गई तस्वीरों में उन्हें जामिया रशीदिया मदरसे में छात्रों के बीच देखा जा सकता है। इस मदरसे की स्थापना मुफ़्ती मोहम्मद रशीद ने किया था। पाक सेना के प्रवक्ता वहां के आर्मी चीफ जनरल कमर बाजवा के साथ इसी हफ्ते कराची की यात्रा पर गए थे।

मई 2002 में रिपोर्टर डैनियल पर्ल की बॉडी जामिया रशीदिया मदरसे से लगभग 500 मीटर की दूरी पर एक कब्र में मिली थी जिससे यह माना गया कि इसका संबंध अल-कायदा से भी है। रिपोर्टर की बॉडी जिस जगह पर मिली वह जमीन रशीद ट्रस्ट के स्वामित्व में आती है।

इस महीने की शुरुआत में पाकिस्तान रेंजर्स के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने अहले सुन्नत वल जमात के प्रमुख औरंगजेब फारूकी से मुलाकात की थी जो अहले सुन्नत वल जमात पाकिस्तान के कुख्यात सिपाह-ए-सहाबा पाकिस्तान का हिस्सा है। इस संगठन ने पाकिस्तान में सैकड़ों की संख्या में शिया अल्पसंख्यकों की हत्या कर दी थी।

सिपाह-ए-सहाबा (SSP) पाकिस्तान को 2002 में पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने प्रतिबंधित कर दिया था। इसके बाद इस संगठन ने अपना नाम बदलकर अहले सुन्नत वाल जमात (ASWJ) कर लिया लेकिन 2012 में पाकिस्तान सरकार ने इसे भी प्रतिबंधित कर दिया था। 

वर्तमान में ये दोनों समूह राष्ट्रीय काउंटर टेररिज्म प्राधिकरण की सूची में शामिल है। पाकिस्तान की न्यूज वेबसाइट नया दौर ने पाक रेंजर्स अधिकारियों और फारुकी के बीच 23 दिसंबर को हुई इस बैठक को रिपोर्ट करते हुए कहा कि वे ASWJ चीफ से अपने पिता की मृत्यु पर संवेदना व्यक्त करने के लिए मिले थे।  

हाल के महीनों में ASWJ के वरिष्ठ नेता को वरिष्ठ नेता को उत्तरी वजीरिस्तान के एक अड्डे पर सीनीयर आर्मी ऑफिसर्स के साथ बैठक करते हुए देखा गया है। सोशल मीडिया में दिखने वाली तस्वीरों में लुधियानवी को एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा स्मृति चिन्ह भेंज करते हुए देखा जा सकता है। लुधियानवी देफा-ए-पाकिस्तान काउंसिल के ज्वाइंट सेक्रेटरी हैं। यह संगठन जिहादी और चरमपंथी संगठनों का एक समूह है।

इस घटनाक्रम पर नजर रखने वाले एक भारतीय सुरक्षा अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि यह चिंताजनक है और यह शुरुआती संकेत हैं कि पाकिस्तान सेना के जिहाद प्रोजेक्ट को फिर से पुनर्जीवित किया जा रहा है। 

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