भारत सुरक्षा परिषद में सदस्यों के बीच के मतभेदों को दूर करने का प्रयास कर रहा : तिरुमूर्ति

By भाषा | Published: July 25, 2021 10:20 AM2021-07-25T10:20:59+5:302021-07-25T10:20:59+5:30

India trying to resolve differences between members in Security Council: Tirumurti | भारत सुरक्षा परिषद में सदस्यों के बीच के मतभेदों को दूर करने का प्रयास कर रहा : तिरुमूर्ति

भारत सुरक्षा परिषद में सदस्यों के बीच के मतभेदों को दूर करने का प्रयास कर रहा : तिरुमूर्ति

(योषिता सिंह)

संयुक्त राष्ट्र, 25 जुलाई संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत ने कहा है कि स्वतंत्र विदेश नीति वाले भारत जैसे बड़े देश का सुरक्षा परिषद में प्रवेश स्वागत योग्य रहा है और देश ने संयुक्त राष्ट्र के इस शक्तिशाली निकाय के पांच स्थायी सदस्यों और उनके बीच गतिरोधों के दौरान तुलनात्मक रूप से “अत्यंत जरूरी’’ संतुलन प्रदान किया है।

भारत एक अगस्त से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता करेगा जो 15 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र निकाय के अस्थायी सदस्य के तौर पर 2021-2022 कार्यकाल में उसकी पहली अध्यक्षता होगी। भारत अपने दो वर्ष के कार्यकाल के आखिरी महीने यानी अगले साल दिसंबर में फिर से परिषद की अध्यक्षता करेगा।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने पीटीआई-भाषा से विशेष साक्षात्कार में कहा, “हम सुरक्षा परिषद में बहुत अहम मोड़ पर हैं जहां हम न सिर्फ अभूतपूर्व कोविड-19 वैश्विक महामारी से जूझ रहे हैं बल्कि सुरक्षा परिषद के भीतर और बाहर गतिरोधों से भी निपट रहे हैं। इसे व्यक्तिगत पहल के बजाय अधिक सामूहिक प्रयासों के जरिए दूर करना होगा।”

उनसे पूछा गया कि परिषद अध्यक्ष के तौर पर भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के सदस्यों के बीच के मतभेदों से कैसे निपटेगा, जब संयुक्त राष्ट्र निकाय कई मुद्दों पर बंटा हुआ है तो तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत सुरक्षा परिषद में अपने पिछले सात महीनों के कार्यकाल के दौरान कई तरह के मुद्दों पर "सैद्धांतिक रुख" लेने में नहीं हिचकिचाया है। उन्होंने कहा, ‘‘हम जिम्मेदारी लेने से भी पीछे नहीं हटे हैं।”

उन्होंने कहा, “सबसे पहले तो, भारत जितने बड़े देश का अपनी स्वतंत्र विदेश नीति के साथ परिषद में प्रवेश स्वागत योग्य रहा है। इसने परिषद के पांच स्थायी सदस्यों और उनके आपस के मतभेदों के दौरान तुलनात्मक रूप से अधिक संतुलन बनाने का काम किया है।”

तिरुमूर्ति वीटो शक्ति प्राप्त पांच सदस्यों - चीन, फ्रांस, रूस, अमेरिका और ब्रिटेन का जिक्र कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत “वह पुल रहा है जिसने सुनिश्चित किया है कि परिषद का ध्रुवीकरण उसके सुविचारित दृष्टिकोण की क्षमता को प्रभावित न करे।”

तिरुमूर्ति ने अन्य बातों के साथ-साथ म्यांमा और अफगानिस्तान से संबंधित भारत के पड़ोसियों के मुद्दों का उदाहरण दिया, “जहां, समय-समय पर, हमने यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं कि परिषद की चर्चा और परिणाम जमीनी स्थिति पर आधारित, दूरगामी दृष्टिकोण वाला और संवेदनशील हों।”

उन्होंने कहा कि भारत तालिबान प्रतिबंध समिति का अध्यक्ष है और महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। भारत लीबिया प्रतिबंध समिति की भी अध्यक्षता कर रहा है। अफ्रीका के मामले में, भारत अफ्रीकी प्राथमिकताओं और अफ्रीकी लोगों की जरूरतों के प्रति संवेदनशील रहा है। साथ ही कहा कि यह अफ्रीका पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 10 मार्गदर्शक सिद्धांतों के अनुरूप है।

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Web Title: India trying to resolve differences between members in Security Council: Tirumurti

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