खालिस्तानी आतंकवादी पन्नू की हत्या के साजिश में अमेरिकी कोर्ट का भारत सरकार को समन
By आकाश चौरसिया | Updated: September 19, 2024 10:43 IST2024-09-19T10:30:01+5:302024-09-19T10:43:57+5:30
केंद्र ने अभी तक समन का जवाब नहीं दिया है। पन्नू का सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' हैंडल से बताते हुए समन की एक प्रति साझा की थी। नवंबर में, यूके के अखबार फाइनेंशियल टाइम्स ने रिपोर्ट दी थी कि अमेरिका ने पन्नू को मारने की साजिश को नाकाम कर दिया है, जो कट्टरपंथी संगठन, सिख्स फॉर जस्टिस का प्रमुख है और उसके पास अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता है।

फोटो क्रेडिट- (एक्स)
नई दिल्ली: अमेरिकी कोर्ट ने खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने अपनी हत्या की साजिश रचने के आरोप में सिविल मुकदमा दायर किया, जिस पर अमेरिकी अदालत ने भारत सरकार को तलब किया है। अमेरिका की जिला कोर्ट ने न्यूयॉर्क के दक्षिणी जिले की जिला कोर्ट ने भारत की सरकार, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, पूर्व रॉ प्रमुख सामंत गोयल, रॉ एजेंट विक्रम यादव और भारतीय बिजनेसमैन निखिल गुप्ता के नाम समन में शामिल है। हालांकि, इसके जरिए अमेरिका ने नई दिल्ली और जिनके नाम शामिल हैं, उनसे 21 दिनों में जवाब मांगा है।
केंद्र ने अभी तक समन का जवाब नहीं दिया है। पन्नू का सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' हैंडल से बताते हुए समन की एक प्रति साझा की थी। नवंबर में, यूके के अखबार फाइनेंशियल टाइम्स ने रिपोर्ट दी थी कि अमेरिका ने पन्नू को मारने की साजिश को नाकाम कर दिया है, जो कट्टरपंथी संगठन, सिख्स फॉर जस्टिस का प्रमुख है और उसके पास अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता है। जो बिडेन प्रशासन के अधिकारियों ने बाद में इसकी पुष्टि की।
Gurpatwant Singh Pannun, leader of Sikhs for Justice (SFJ), has filed a lawsuit in the U.S. Federal District Court against the Indian government, accusing it of plotting his assassination on U.S. soil. The complaint names Indian officials, including Ajit Doval and Nikhil Gupta,… pic.twitter.com/8pqFr5zOsl
— Balochistan Current Affairs (@BalochistanCur1) September 18, 2024
अपनी पहली प्रतिक्रिया में, विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह "चिंता का विषय" है और जोर देकर कहा कि भारत ने उच्च स्तरीय जांच शुरू की है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, "जहां तक एक व्यक्ति के खिलाफ अमेरिकी अदालत में दायर मामले का संबंध है, उसे कथित तौर पर एक भारतीय अधिकारी से जोड़ा गया है, यह चिंता का विषय है। हमने कहा है कि यह सरकारी नीति के विपरीत है।"
इस साल मई में, विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि भारत इस मामले की जांच कर रहा है, लेकिन इस बात पर जोर दिया कि इससे भारत-अमेरिका संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।