यूक्रेन में अजनबी महिला ने अनजान शख्स के बच्चों का थामा हाथ, सीमा पार करके मां से मिलाया
By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: February 26, 2022 20:45 IST2022-02-26T20:40:24+5:302022-02-26T20:45:22+5:30
नतालिया अबलेवा ने यूक्रेन की सीमा को पार करते हुए दो अंजान यूक्रेनी बच्चों का हाथ थामा हुआ था। नतालिया यूक्रेनी सीमा पर एक अनजान 38 साल के यूक्रेनियन शख्स से मिलती है, जो टाउन कमियानेट्स-पोडिल्स्की से अपने बेटे और बेटी को लेकर वहां पहुंचा था।

सांकेतिक तस्वीर
हंगरी: युद्ध के दौरान कभी-कभी ऐसे भी मंजर दिखाई देते हैं कि इंसानी सभ्यता के आंखों में भी आंसू आ जाए। कुछ इसी तरह का वाकया हुआ यूक्रेन सीमा पर, जब एक महिला को एक अंजान शख्स का फोन आता है कि वो सीमा पार करने से पहले उससे मिले और उसके दो बेटों को युद्ध के काले बादलों से दूर किसी महफूज जगह पर लेकर चली जाए।
शनिवार को नतालिया अबलेवा ने यूक्रेन की सीमा को पार करते हुए दो अंजान यूक्रेनी बच्चों का हाथ थामा हुआ था। नतालिया यूक्रेनी सीमा पर एक अनजान 38 साल के यूक्रेनियन शख्स से मिलती है, जो टाउन कमियानेट्स-पोडिल्स्की से अपने बेटे और बेटी को लेकर वहां पहुंचा था।
उस अंजान शख्स को सीमा रक्षकों ने यूक्रेन पार करने की इजाजत नहीं दी क्योंकि यूक्रेन सरकार ने रूस के खिलाफ हो रही लड़ाई में शामिल होने के लिए 18 से 60 वर्ष के सभी यूक्रेनी पुरुषों को देश छोड़ने से प्रतिबंधित कर दिया है।
सीमा पर दोनों अंजान बच्चों को पाने के बाद 58 साल की अबलेवा ने कहा, "इन बच्चों के पिता ने मुझे उन्हें सौंप दिया और मुझ पर भरोसा करते हुए इनके पासपोर्ट भी मुझे दे दिए।"
दोनों बच्चों के पिता ने अबलेवा से कहा कि बच्चों की यूक्रेनियन मां उनसे मिलने और उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले जाने के लिए इटली से आ रही हैं। उसने अबलेवा को बच्चों की मां का मोबाइल नंबर दिया और कड़ाके की ठंड में अपने बच्चों को अलविदा कह कर अबलेवाके साथ विदा कर दिया।
वहीं अबलेवा ने भी यूक्रेन में अपने दो वयस्त बच्चों को युद्ध में शामिल होने के लिए यूक्रेन में छोड़कर सीमा पार कर गई। उनका एक बेटा पुलिसकर्मी है और दूसरा चिकित्सा विभाग में काम करता है। यूक्रेन के युद्ध कानून के मुताबिक अबलेवा के वयस्क बच्चे यूक्रेन नहीं छोड़ सकते हैं।
अबलेवा ने अंजान शख्स के दोनों छोटे बच्चों का हाथ थाम लिया और तीनों ने मिलकर यूक्रेन की सीमा पार की। अबलेवा हंगरी सीमा पर बने शरणार्थी कैंप में आ गईं। वो अभी दोनों छोटे बच्चों को साथ पहुंची ही थीं कि छोटा बच्चा रोने लगा तभी उसके मोबाइल की घंटी बजी। फोन पर उस बच्चे की मां अन्ना थी, वह लगभग सीमा चौकी के पास पहुंच चुकी थी।
दोनों बच्चों की 33 साल की मां अन्ना ने कैंप में पहुंचकर अपने बेटे को गले लगाया और जब वह अपनी बेटी के पास गईं तो देखा कि वो कार की पिछली सीट पर थकी हुई सो रही थी। दोनों बच्चों की मां अन्ना ने अबलेवा को थैंक्स कहा और कई मिनटों तक गले लगकर रोती रहीं।
अन्ना सेम्युक ने कहा, "थैंक्स की अब मैं अपने बच्चों से कह सकता हूं कि सब कुछ ठीक हो जाएगा और हम एक-दो हफ्ते में अपने घर चले जाएंगे।"