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पाकिस्तान और भारत के बीच अच्छे संबंध पर बोले इमरान खान- भाजपा राज में ऐसा होने की गुजाइंश नहीं

By मनाली रस्तोगी | Updated: November 22, 2022 10:37 IST

पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को कहा कि वह पाकिस्तान एवं भारत के बीच अच्छे संबंध चाहते हैं, लेकिन जब तक राष्ट्रवादी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सत्ता में है तब तक ऐसा होने की गुजाइंश नहीं है।

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ठळक मुद्देइमरान खान ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यदि दोनों पड़ोस देश एक-दूसरे के साथ व्यापार स्थापित करते हैं तो क्या आर्थिक फायदे हो सकते हैं।उन्होंने कहा कि फायदे तो काफी होंगे, लेकिन तब उन्होंने दलील दी कि कश्मीर मुद्दा मुख्य बाधक है।खान ने कहा कि मैं समझता हूं कि यह संभव है लेकिन भाजपा सरकार बहुत कट्टर है तथा उसका इन मुद्दों पर राष्ट्रवादी दृष्टिकोण है।

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को कहा कि वो भारत के साथ अपने देश के अच्छे संबंध चाहते हैं, लेकिन राष्ट्रवादी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सत्ता में रहते हुए ऐसा होने की गुजाइंश नहीं है। ब्रिटिश अखबार 'द टेलीग्राफ' के साथ एक इंटरव्यू में 70 वर्षीय खान ने उन आर्थिक लाभों पर प्रकाश डाला, जो दोनों पड़ोसी देशों के बीच व्यापार स्थापित करने पर हासिल किए जा सकते हैं।

खान ने कहा, "लाभ बहुत अधिक होगा," लेकिन फिर तर्क दिया कि कश्मीर मुद्दा मुख्य बाधा था। उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि यह संभव है लेकिन भाजपा सरकार इतनी सख्त है, उनका मुद्दों पर राष्ट्रवादी रुख है। यह निराशाजनक है क्योंकि आपके पास (संकल्प के लिए) कोई मौका नहीं है क्योंकि वे इन राष्ट्रवादी भावनाओं को भड़काते हैं। और, राष्ट्रवाद का यह जिन्न एक बार बोतल से बाहर हो गया तो उसे फिर से वापस लाना बहुत मुश्किल है।"

इमरान खान ने कहा, "हम केवल इतना जानते हैं कि उनके पास कश्मीर (मुद्दे) के समाधान के लिए एक रोडमैप होना चाहिए।" भारत ने बार-बार पाकिस्तान से कहा है कि वह आतंकवाद, शत्रुता और हिंसा से मुक्त वातावरण में इस्लामाबाद के साथ सामान्य पड़ोसी संबंधों की इच्छा रखता है। खान ने कहा कि 2019 में जब जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किया गया तो पाकिस्तान को भारत के साथ अपने रिश्ते ठंडे करने पड़े। 

भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध कश्मीर मुद्दे और पाकिस्तान से उत्पन्न होने वाले सीमा पार आतंकवाद को लेकर तनावपूर्ण रहे हैं। भारत द्वारा संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने, जम्मू और कश्मीर की विशेष स्थिति को रद्द करने और 5 अगस्त 2019 को राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद द्विपक्षीय संबंधों में गिरावट आई।

भारत के फैसले के बाद पाकिस्तान ने नई दिल्ली के साथ राजनयिक संबंधों को कम कर दिया और भारतीय दूत को निष्कासित कर दिया। तब से पाकिस्तान और भारत के बीच व्यापार संबंध काफी हद तक जमे हुए हैं। खान ने कहा कि अगर वह दोबारा प्रधानमंत्री चुने जाते हैं तो वह अफगानिस्तान, ईरान, चीन और अमेरिका सहित पाकिस्तान के सभी पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध स्थापित करना चाहेंगे।

इमरान खान ने आगे कहा, "हमें वास्तव में दोनों देशों के साथ संबंध की जरूरत है। जो मैं नहीं चाहता वह एक और शीत युद्ध की स्थिति है जब हम ब्लॉक में हैं जैसे कि पिछले शीत युद्ध में हम संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ संबद्ध थे।पूरा मध्य एशिया, अफगानिस्तान हमारी कक्षा से बाहर हो गया।" उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान के लिए उनकी मुख्य चिंता यह थी कि कैसे 120 मिलियन लोगों को गरीबी से बाहर निकाला जाए।

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