माइक पोम्पियो ने स्वीकारा, डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति के बीच बातचीत के दौरान फोन पर थे मौजूद
By स्वाति सिंह | Published: October 2, 2019 08:15 PM2019-10-02T20:15:51+5:302019-10-02T20:15:51+5:30
25 जुलाई को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के साथ ट्रंप की बातचीत के सार्वजनिक होने के बाद विवाद उत्पन्न हो गया था और इसके बाद ही अमेरिकी राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग की आधिकारिक प्रक्रिया भी शुरू की गई।
अमेरिकी विदेशमंत्री माइक पोम्पियो ने स्वीकार किया कि जुलाई में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति के बीच हुई फोन कॉल के दौरान वह मौजूद थे। पोम्पियो ने बुधवार को इटली के एक सम्मेलन के दौरान कहा, "विदेश विभाग के महानिरीक्षक के जरूरी निजी ब्रीफिंग के कुछ घंटे पहले मैंने यूक्रेन के घोटाले से संबंधित दस्तावेजों के बारे में वरिष्ठ कांग्रेस स्टाफ सदस्यों से अनुरोध किया था।
उन्होंने कहा 'फोन कॉल एक ‘व्हिसलब्लोअर’ की शिकायत का हिस्सा था, जिसे ट्रंप ने आगामी 2020 के चुनाव में यूक्रेन से हस्तक्षेप करने की मांग की थी और व्हाइट हाउस ने इसे कवर करने के लिए कदम उठाए। लेकिन ट्रंप ने कुछ भी अनुचित करने से इनकार कर दिया। बुधवार को पहली बार शीर्ष अमेरिकी राजनयिक ने पुष्टि की कि वह ट्रंप और ज़ेलेंस्की के बीच जुलाई के कॉल पर थे। सोमवार को बातचीत और ख़बरों के बारे में वे पहले से ही जानते थे।
समाचार सम्मेलन में पोम्पियो से पूछा गया कि क्या उन्होंने उस कॉल पर कुछ भी सुना है जिसने उन्हें कोई चिंता की बात हो लेकिन उन्होंने सवाल को टाल दिया। उन्होंने कहा 'अब मुझे लगता है कि अब मैं आने वाले एक डेढ़ साल के लिए लिए ही राज्य का सचिव हूं। मुझे ठीक से पता है कि यूक्रेन के संबंध में अमेरिकी नीति क्या है।
गौरतलब है कि 25 जुलाई को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के साथ ट्रंप की बातचीत के सार्वजनिक होने के बाद विवाद उत्पन्न हो गया था और इसके बाद ही अमेरिकी राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग की आधिकारिक प्रक्रिया भी शुरू की गई।
इस ‘व्हिसलब्लोअर’ ने इस बातचीत के आधार पर अगस्त में ट्रंप के खिलाफ मामला दर्ज कराते हुए कहा था कि वह अमेरिकी चुनाव में अपने फायदे के लिए विदेशी ताकत का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस बातचीत में ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति से 2020 राष्ट्रपति चुनाव में अपने प्रतिद्वंद्वी जो बाइडेन के बेटे हंटर के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में जांच करने की अपील की थी।
ट्रंप ने सिलसिलेवार ट्वीट में किया 'हर अमेरिकी की तरह, मैं भी मुझ पर आरोप लगाने वाले से मिलने का हकदार हूं। विशेषकर तब, जब यह आरोप लगाने वाला एक तथाकथित ‘व्हिसलब्लोअर’ है, जिसने विदेशी प्रतिनिधि से हुई बातचीत को पूरी तरह से गलत और कपटपूर्ण तरीके से पेश किया। ’’
उन्होंने महाभियोग जांच का नेतृत्व कर रहे एडम शिफ पर भी कांग्रेस के समक्ष झूठ बोलने का आरोप लगाया। ट्रंप ने कहा, ‘‘ उन्होंने इस बेबाकी से महान चैंबर में झूठ बोला, जैसे कभी किसी ने नहीं बोला होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ उन्होंने बेकार की बातें पढ़ीं और लिखीं, और फिर कहा कि यह अमेरिका के राष्ट्रपति का कहना है। मैं चाहता हूं कि धोखाधड़ी तथा देशद्रोह के मामले में शिफ से उच्च स्तर की पूछताछ की जाए।’’ इस बीच ट्रम्प के करीबी सहयोगियों ने अमेरिकी राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग चलाने के डेमोक्रेट के फैसले पर निशाना साधते हुए राष्ट्रपति को एक सच्चा ‘व्हिसलब्लोअर’ बताया है। ट्रम्प के सलाहकार स्टीफन मिलर ने ‘फोक्स न्यूज संडे’ से कहा, ‘‘ अमेरिका के राष्ट्रपति ‘व्हिसलब्लोअर’ हैं। ’’
मिलर ने कहा, ‘‘ यूक्रेन में एक भ्रष्टाचार घोटाले की तह तक जाना अमेरिका के राष्ट्रीय हित में है।’’ ट्रम्प के निजी वकील रूडी गिउलियानी ने भी ‘एबीसी’ के कार्यक्रम ‘द वीक’ में कहा, ‘‘ उनके उनसे (यूक्रेन से) बाइडेन के खिलाफ जांच ना करने को कहने पर संविधान का उल्लंघन होता।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ डेमोक्रेटिक पार्टी डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ साजिश रच रही है।’’ अमेरिका के निचले सदन प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी ने गत मंगलवार को ट्रम्प के खिलाफ महाभियोग की आधिकारिक प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की थी।