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संयुक्त राष्ट्र महासभा के बहुभाषावाद संबंधी प्रस्ताव में पहली बार हिंदी का हुआ उल्लेख, भारत ने पिछले महीने UN में हिन्दी को बढ़ावा देने के लिए 8 लाख डॉलर का योगदान

By भाषा | Updated: June 10, 2022 23:26 IST

संयुक्त राष्ट्र महासभा के बहुभाषावाद प्रस्ताव में हिन्दी के अलावा पुर्तगाली, फारसी, बांग्ला और उर्दू का भी जिक्र किया गया है।

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ठळक मुद्देसंयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रस्तुत बहुभाषावाद प्रस्ताव में पहली बार हिन्दी का उल्लेख हुआ।हिन्दी के अलावा फारसी, पुर्तगाली, बांग्ला और उर्दू का भी उल्लेख हुआ।संयुक्त राष्ट्र में हिन्दी को बढ़ावा देने के लिए भारत ने पिछले महीने 8 लाख डॉलर का योगदान दिया था।

संयुक्त राष्ट्रसंयुक्त राष्ट्र महासभा में शुक्रवार को पारित बहुभाषावाद संबंधी एक प्रस्ताव में पहली बार हिंदी भाषा का उल्लेख हुआ और भारत ने इस बात पर जोर दिया कि यह आवश्यक है कि संयुक्त राष्ट्र सच्ची भावना से बहुभाषावाद को अंगीकार करे। अंडोरा की तरफ से 193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया जिसका भारत समेत 80 से अधिक देशों ने अनुमोदन किया।

प्रस्ताव में ‘‘बहुभाषावाद को संयुक्त राष्ट्र सचिवालय की गतिविधियों में न्यायसंगत आधार पर शामिल करने’’ की दिशा में उसकी जिम्मेदारी को रेखांकित किया गया है। प्रस्ताव छह आधिकारिक भाषाओं-अरबी, चीनी, अंग्रेजी, फ्रेंच, रूसी और स्पैनिश के अलावा संयुक्त राष्ट्र के अनाधिकारिक भाषाओं के उपयोग के प्रयासों को रेखांकित करता है। विशिष्ट स्थानीय लक्षित श्रोताओं के साथ संवाद के लिए उचित होने पर इन भाषाओं के उपयोग की बात का प्रस्ताव है।

प्रस्ताव में बहुभाषावाद को बढ़ावा देने के लिए आधिकारिक भाषाओं के अतिरिक्त पुर्तगाली, हिंदी, फारसी, बांग्ला और उर्दू आदि अनाधिकारिक भाषाओं में महासचिव के संदेशों तथा कुछ हालिया महत्वपूर्ण संप्रेषणों को रेखांकित करने के संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक संचार विभाग के प्रयासों की सराहना की गयी है।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत टी एस तिरुमूर्ति ने महासभा के हॉल में अपने संबोधन में कहा कि इस साल ‘‘पहली बार प्रस्ताव में हिंदी भाषा का उल्लेख है’’। उन्होंने कहा कि प्रस्ताव में पहली बार बांग्ला और उर्दू भाषाओं का भी उल्लेख है। उन्होंने कहा, ‘‘यह आवश्यक है कि संयुक्त राष्ट्र में सच्ची भावना के साथ बहुभाषावाद को अपनाया जाए और भारत इस उद्देश्य की प्राप्ति में संयुक्त राष्ट्र का समर्थन करेगा।’’

तिरुमूर्ति ने इस बात पर जोर दिया कि बहुभाषावाद को संयुक्त राष्ट्र के बुनियादी मूल्यों में गिना जाता है। उन्होंने बहुभाषावाद को प्राथमिकता देने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि भारत 2018 से संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक संचार विभाग के साथ साझेदारी कर रहा है और हिंदी भाषा में मुख्यधारा की खबरों और मल्टीमीडिया विषयवस्तु के लिए अतिरिक्त बजटीय योगदान दे रहा है।

तिरुमूर्ति ने कहा, ‘‘इन प्रयासों के तहत 2018 में ‘संयुक्त राष्ट्र में हिंदी’ परियोजना शुरू की गयी थी जिसका उद्देश्य हिंदी भाषा में संयुक्त राष्ट्र की लोगों तक पहुंच को बढ़ाना तथा दुनियाभर में लाखों हिंदीभाषियों के बीच वैश्विक विषयों के बारे में वृहद जागरुकता फैलाना है।’’ भारत ने संयुक्त राष्ट्र में हिंदी के इस्तेमाल को बढ़ाते रहने के प्रयासों के लिए पिछले महीने आठ लाख डॉलर का योगदान दिया था।

भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि आर रवींद्र ने संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक संचार विभाग में उप निदेशक एवं प्रभारी अधिकारी (समाचार तथा मीडिया संभाग) मीता होसाली को इस बाबत चैक सौंपा था। भारतीय मिशन ने कहा था कि भारत सरकार संयुक्त राष्ट्र में हिंदी के उपयोग को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयासरत है। साल 2018 से संयुक्त राष्ट्र की वेबसाइट और ट्विटर, इंस्टाग्राम तथा फेसबुक पर उसके सोशल मीडिया खातों के माध्यम से हिंदी में संयुक्त राष्ट्र के समाचार प्रसारित किये जाते हैं। संयुक्त राष्ट्र समाचार का एक हिंदी ऑडियो बुलेटिन (यूएन रेडियो) हर सप्ताह जारी किया जाता है। संयुक्त राष्ट्र हिंदी न्यूज वेबसाइट पर इसका वेबलिंक उपलब्ध है।

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