पाकिस्तान में घिर रहे हैं इमरान, लगे गो नियाजी गो बैक के नारे, नारेबाजी करने पर छात्रों और युवाओं के खिलाफ FIR
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 16, 2019 04:18 PM2019-09-16T16:18:06+5:302019-09-16T16:20:10+5:30
पाक अधिकृत कश्मीर की राजधानी मुजफ्फराबाद में एक जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम खान ने कहा कि कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण हो गया है और यहां तक कि यूरोपीय संघ और ब्रिटिश संसद में इस मामले पर चर्चा हुई है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री लगातार जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर घिर रहे हैं। संसद में भी विपक्षी दलों पाक पीएम को घेर रहे हैं।
पाक अधिकृत कश्मीर की राजधानी मुजफ्फराबाद में एक जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम खान ने कहा कि कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण हो गया है और यहां तक कि यूरोपीय संघ और ब्रिटिश संसद में इस मामले पर चर्चा हुई है। इस मौके पर भीड़ ने गो नियाजी गो बैक के नारे लगाए। पाकिस्तान मीडिया की रिपोर्ट है कि मुजफ्फराबाद (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) रैली के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ नारेबाजी करने पर छात्रों और युवाओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
Pakistan media reports that an FIR has been registered against students and youth for chanting slogans against Pakistan Prime Minister Imran Khan, during his Muzaffarabad (Pakistan Occupied Kashmir) rally. pic.twitter.com/1YmlgfQhfi
— ANI (@ANI) September 16, 2019
इमरान के नाम से जुड़ा नियाजी उपनाम पाकिस्तानियों को 1971 के युद्ध में भारत के हाथों शर्मनाक हार की याद ताजा करती है। पाकिस्तानी सेना के तत्कालीन कमांडिंग ऑफिसर, लेफ्टिनेंट जनरल आमिर अब्दुल्ला खान नियाजी ने भारतीय सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के सामने 16 दिसंबर, 1971 को अपने हथियार डाल दिए थे। नियाजी पख्तून हैं, जो अफगानिस्तान और पाकिस्तान के हिस्सों में रहते हैं। पाकिस्तान में वे ज्यादातर मियांवाली में रहते हैं। हालांकि आमिर अब्दुल्ला नियाजी और इमरान खान नियाजी दोनों लाहौर में पैदा हुए थे।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र आम सभा में कश्मीरियों को निराश नहीं करेंगे। उन्होंने भारत द्वारा जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने के बाद कश्मीरियों की बदहाली की बात प्रत्येक अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाने का संकल्प व्यक्त किया।
इस जनसभा का आयोजन कश्मीर के लोगों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए किया गया था। उन्होंने 27 सितंबर को प्रस्तावित संयुक्त राष्ट्र आम सभा में अपने संबोधन के बारे में कहा, “अगले सप्ताह मैं संयुक्त राष्ट्र आम सभा को संबोधित करने जा रहा हूं और मैं कश्मीर के लोगों को निराश नहीं करूंगा। मैं कश्मीरियों के अधिकारों के लिए उस तरह खड़ा होऊंगा, जैसा कि इससे पहले किसी ने नहीं किया होगा।”
खान ने भारत द्वारा धारा 370 खत्म करने के बाद अपनी दूसरी मुजफ्फराबाद यात्रा में कहा कि 50 साल में पहली बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में इस पर चर्चा होने के साथ ही कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण हो गया है। भारत ने अनुच्छेद 370 की समाप्ति को अपना आंतरिक मामला बताया है और पाकिस्तान के “गैर-जिम्मेदाराना बयानों” पर कड़ी आपत्ति जताई है।
खान ने कहा, “पहली बार यूरोपीय संघ ने कहा कि कश्मीर मुद्दे का समाधान संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव के अनुसार होना चाहिए। ओआईसी (इस्लामिक सहयोग संगठन) और 58 देशों ने कश्मीर में हो रहे उत्पीड़न पर पाकिस्तान का समर्थन किया और कहा कि कश्मीर में कर्फ्यू हटाना चाहिए।”
पाक प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के कदम से कश्मीर में चरमपंथ बढ़ेगा। उन्होंने चेतावनी दी कि पाकिस्तान भारत के किसी भी हमले का पूरा जवाब देगा। उन्होंने कहा, “अगर भारत ईट फेंकेगा, तो हम उसका जवाब पत्थर से देंगे।”
खान ने कहा, “मैं मोदी को एक संदेश देना चाहता हूं... अत्याचार के बावजूद आप कभी भी सफल नहीं होंगे क्योंकि कश्मीरियों को मौत का डर नहीं। इसलिए आप उनको हरा नहीं सकते, आप चाहें जो कर लें।” खान ने यह भी कहा कि कश्मीर में जो हो रहा है, वह भारत के उदार लोगों के लिए भी खतरनाक होगा।