अंकाराः पेरिस में शिक्षक की हत्या के बार इस्लामिक जगत में हंगामा शुरू हो गया है। फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों की टिप्पणी लेकर कई देश फ्रांस के खिलाफ हो गए हैं।
तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने रविवार को अमेरिका को चुनौती देते हुए कहा कि वह जो आर्थिक प्रतिबंध लगाना चाहता है, लगा कर देख ले। उन्होंने फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों पर भी एक बार फिर निशाना साधा। सोशल मीडिया पर #boycottfrenchproducts ट्रेंड कर रहा है। अरब देश सहित कई मुस्लिम देशों ने फ्रेंच उत्पादों के बहिष्कार की मांग की है।
पिछले शुक्रवार को, राष्ट्रपति मैक्रों ने विवादित बयान देते हए कहा था कि इस्लाम एक ऐसा धर्म है, जिससे आज पूरी दुनिया में संकट में है (सिर्फ फ्रांस ही नहीं)। मुस्लिम जगत अब फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों की निंदा करने और कई फ्रांसीसी उत्पादों का बहिष्कार करने के फैसले की ओर बढ़ रहा है, वास्तव में, सोशल मीडिया पर सभी फ्रेंच उत्पादों के बहिष्कार को लेकर मुहिम छिड़ गई है।
एर्दोओन ने मैक्रों के इस्लाम और कट्टरपंथी मुसलमानों पर व्यक्त किए विचारों को लेकर कहा कि उन्हें मानसिक उपचार की जरूरत है। अमेरिका की चेतावनियों के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘ आप जो भी प्रतिबंध लगाना चाहते हैं, देर ना करें।’’
अमेरिका ने तुर्की को चेतावनी दी थी कि वह नागोर्नो-काराबाख में सीधे संघर्ष में शामिल नहीं हो। दरअसल अंकारा जातीय आर्मेनियाई बलों के खिलाफ अजरबैजान का समर्थन करता है। तुर्की के नेता ने रूस निर्मित एस-400 वायु रक्षा प्रणाली के परीक्षण के बाद अमेरिका द्वारा दी गई प्रतिबंध लगाने की धमकी का जिक्र भी किया। इस खरीद के बाद तुर्की के एफ-35 कार्यक्रम की शुरुआत हुई थी।
एर्दोआन ने कहा, ‘‘जब हमने एफ-35 की शुरुआत की तब भी आपने हमें धमकी दी। आपने कहा था, ‘‘एस-400 रूस वापस भेज दो’’। लेकिन हम कोई कबिलियाई देश नहीं हैं। हम तुर्की हैं।’’ हाल के महीनों में तुर्की की विदेश नीति के मुखर आलोचक रहे मैक्रों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ फ्रांस की बागडोर जिनके हाथों में है वह राह भटक गए हैं। वह सोते जागते बस एर्दोआन के बारे में सोचते हैं। आप अपने आपको देखें कि आप कहां जा रहे हैं।’’ हाल ही में मैक्रों और एर्दोआन के बीच तनातनी काफी बढ़ गई है।
राजधानी पेरिस के उपनगरीय इलाके में एक शिक्षक की हत्या के बाद राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन की ओर से की गई विवादित टिप्पणी को लेकर इस्लाम जगत में फ्रांस के खिलाफ माहौल बनता जा रहा है. सोशल मीडिया पर सभी फ्रेंच उत्पादों के बहिष्कार को लेकर मुहिम चल रही है तो इस बीच फ्रांस ने अरब देशों से फ्रेंच उत्पादों के बहिष्कार को रोकने का अनुरोध किया है।