फ्रांस, यूनान ने रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए, यूनान तीन युद्धपोत खरीदेगा
By भाषा | Updated: September 28, 2021 18:37 IST2021-09-28T18:37:39+5:302021-09-28T18:37:39+5:30

फ्रांस, यूनान ने रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए, यूनान तीन युद्धपोत खरीदेगा
पेरिस, 28 सितंबर (एपी) फ्रांस ने मंगलवार को यूनान के साथ एक महत्वपूर्ण रक्षा समझौता करने की घोषणा की। इसके तहत यूनान फ्रांस से तीन युद्धपोत खरीदेगा।
यह समझौता महत्वपूर्ण है क्योंकि तुर्की अपने पड़ोसी देश यूनान के साथ पूर्वी भूमध्यसागर में गैस के अन्वेषण अधिकार और पानी को लेकर हाल के वर्षों में विवाद के कारण रक्षा क्षमता को मजबूत करना चाहता है।
फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रों और यूनान के प्रधानमंत्री क्यारीकोस मित्सोताकिस ने पेरिस में संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में रक्षा और सुरक्षा रणनीतिक भागीदारी की घोषणा की। मैक्रों ने कहा, ‘‘यह साझेदारी हमारे आपसी हितों के आधार पर हमारे सहयोग को बढ़ाने की इच्छा व्यक्त करती है।’’ मैक्रों ने कहा, ‘‘यह समझौता दोनों देशों की संप्रभुता, स्वतंत्रता, क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने में मदद करेगा।’’
मैक्रों ने कहा कि यूनान, पश्चिम फ्रांस के लोरियंट में नेवल ग्रुप द्वारा निर्मित तीन फ्रांसीसी युद्धपोतों की खरीदारी करेगा। मित्सोताकिस ने कहा कि सौदे में एक और युद्धपोत की खरीदारी का भी विकल्प है।
इस घोषणा के कुछ दिन पहले ऑस्ट्रेलिया ने 66 अरब डॉलर के डीजल-विद्युत चालित पनडुब्बियों के लिए समझौते को खत्म करने की घोषणा की थी। ऑस्ट्रेलिया के इस कदम से फ्रांस को काफी नुकसान हुआ। ऑस्ट्रेलिया ने ब्रिटेन और अमेरिका के साथ रणनीतिक गठबंधन किया है जिसके तहत वह अमेरिका से परमाणु शक्ति संपन्न पनडुब्बियां की खरीदारी करेगा।
मित्सोताकिस ने कहा, ‘‘यूनान और फ्रांस आज यूरोपीय सामरिक स्वायत्तता की दिशा में बड़ा साहसिक कदम उठा रहे हैं।’’ साथ ही कहा कि इससे ‘‘यूरोप...वृहद क्षेत्र में, पूर्वी भूमध्यसागर में, पश्चिम एशिया में अपने हितों की रक्षा करने में सक्षम होगा।’’
यूनान पहले ही फ्रांस से 18 राफेल लड़ाकू विमान खरीद चुका है और पड़ोसी तुर्की के साथ तनाव के बीच अपने सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के लिए छह और लड़ाकू विमानों की खरीदारी करने वाला है।
मैक्रों और मित्सोताकिस ने सौदे के बारे में अधिक जानकारी का खुलासा नहीं किया। एक शीर्ष फ्रांसीसी अधिकारी ने कहा कि यह सौदा ‘‘अरबों’’ यूरो का है। तुर्की और यूनान के बीच पूर्वी भूमध्यसागर में गैस के अन्वेषण अधिकार और पानी को लेकर हाल के वर्षों में विवाद बढ़ा है। अल्पसंख्यक अधिकारों, एजियन सागर में क्षेत्रीय अधिकारों, समुद्री और विमानन सीमाओं समेत कई मुद्दों पर दोनों देशों के बीच दशकों से टकराव जारी है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।