14 साल की ईसाई किशोरी से जबरन शादी को पाकिस्तानी कोर्ट ने बताया वैध, शरिया कानून व मासिक धर्म का हवाला देकर कही ये बात

By भाषा | Published: February 8, 2020 02:13 PM2020-02-08T14:13:49+5:302020-02-08T14:13:49+5:30

निचली अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि शरिया कानून के तहत कम उम्र की लड़की से शादी वैध है क्योंकि वह रजस्वला हो चुकी है। पीड़िता के पिता यूनिस और मां नगीना मसीह के अनुसार पिछले साल अक्टूबर में हुमा को जब अगवा किया गया था तब वह 14 साल की थी और उसे अगवा करने वाले अब्दुल जब्बार ने उसे इस्लाम धर्म कबूल करवाकर शादी करने के लिए मजबूर किया।

Forcible marriage to 14-year-old Christian teenager told by Pakistani court valid, citing sharia law and menstruation | 14 साल की ईसाई किशोरी से जबरन शादी को पाकिस्तानी कोर्ट ने बताया वैध, शरिया कानून व मासिक धर्म का हवाला देकर कही ये बात

अपहरणकर्ता ने उसे उससे विवाह करने को मजबूर किया था।

Highlightsपाकिस्तान की अदालत ने 14 साल की ईसाई किशोरी का अपहरण करने वाले व्यक्ति के बीच विवाह को वैध करार दिया किशोरी को अगवा करने के बाद जबरन इस्लाम धर्म कबूल कराया गया था

पाकिस्तान की एक अदालत ने 14 साल की ईसाई किशोरी और उसका अपहरण करने वाले व्यक्ति के बीच विवाह को वैध करार देते हुए कहा है कि शरिया कानून के अनुसार यदि लड़की को मासिक धर्म शुरू हो चुका है तो कम उम्र की लड़की से विवाह मान्य है।

किशोरी को अगवा करने के बाद जबरन इस्लाम धर्म कबूल कराया गया था और अपहरणकर्ता ने उसे उससे विवाह करने को मजबूर किया था। इससे बाद, पीड़िता के माता-पिता ने कहा कि वे निचली अदालत के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख करेंगे।

निचली अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि शरिया कानून के तहत कम उम्र की लड़की से शादी वैध है क्योंकि वह रजस्वला हो चुकी है। पीड़िता के पिता यूनिस और मां नगीना मसीह के अनुसार पिछले साल अक्टूबर में हुमा को जब अगवा किया गया था तब वह 14 साल की थी और उसे अगवा करने वाले अब्दुल जब्बार ने उसे इस्लाम धर्म कबूल करवाकर शादी करने के लिए मजबूर किया।

उनके वकील तबस्सुम यूसुफ ने शुक्रवार को बताया कि वे उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे। सिंध उच्च न्यायालय ने हुमा की कम उम्र को जानते हुए भी उसके कथित अगवाकर्ता जब्बार और उसके बीच शादी को यह कहकर वैध ठहराया था कि हुमा रजस्वला हो चुकी है। 

Web Title: Forcible marriage to 14-year-old Christian teenager told by Pakistani court valid, citing sharia law and menstruation

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