काबुल के अखबार के पांच पत्रकारों को तालिबान ने किया गिरफ्तार: रिपोर्ट
By विनीत कुमार | Updated: September 8, 2021 16:03 IST2021-09-08T15:35:43+5:302021-09-08T16:03:09+5:30
काबुल के अखबार 'एतिलाट्रोज' के पांच पत्रकारों के तालिबान द्वारा गिरफ्तार किए जाने की बात सामने आई है। अखबार के एडिटर इन चीफ ने इसकी पुष्टि की है।

पांच पत्रकारों को तालिबान ने किया गिरफ्तार (फोटो- टोलो न्यूज)
काबुल: तालिबान ने काबुल के एक दैनिक समाचार पत्र 'एतिलाट्रोज' के पांच पत्रकारों को गिरफ्तार किया है। अफगानिस्तान के टीवी नेटवर्क टोलो न्यूज ने अखबार के एडिटर इन चीफ जाकी दरयाबी के हवाले से ये जानकारी दी है। फिलहाल ये जानकारी सामने नहीं आ सकी है कि पत्रकारों को कहां ले जाया गया है।
Five journalists from Etilaatroz, a daily newspaper in Kabul, have been arrested by the Taliban: TOLONews#Afghanistan
— ANI (@ANI) September 8, 2021
इससे पहले मंगलवार को भी अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में तालिबान द्वारा कुछ पत्रकारों और कैमरामैन को पकड़ कर अज्ञात स्थान पर ले जाने का मामला सामने आया था। कुछ रिपोर्ट के अनुसार ये पत्रकार काबुल में हो रहे पाकिस्तान विरोधी प्रदर्शन को कवर कर रहे थे।
इसमें टोलो न्यूज के कैमरामैन वहीद अहमदी का नाम भी शामिल था। हालांकि बाद में टोलो न्यूज के कैमरामैन सहित करीब दर्जन भर पत्रकारों को छोड़े जाने की भी खबर आई। टोलो न्यूज ने भी पुष्टि की कि उसके पत्रकार को छोड़ गया है और साथ कैमरा भी लौटा दिया गया है।
दरअसल, मंगलवार को सैकड़ों अफगान काबुल की सड़कों पर उतरें और पाकिस्तान सहित आईएसआई के खिलाफ प्रदर्शन किया। इसमें ज्यादातर महिलाएं थीं। इसी प्रदर्शनों के दौरान ये सबकुछ हुआ।
टोलो न्यूज के अलावा अफगान न्यूज टीवी नेटवर्क अरियाना न्यूज के एक पत्रकार के भी तालिबान द्वारा पकड़े जाने की बात सामने आई थी।
अरियान न्यूज के बैस हयात ने ट्वीट कर बताया था कि उनके साथी समी जहेश सहित कैमरामैन समीम को भी तालिबान ने पकड़ लिया है और उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है।
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां मीडियाकर्मियों को परेशान किए जाने की कई खबरें हाल में सामने आई हैं। तालिबान ने 15 अगस्त को काबुल पर कब्जा किया था और इसके साथ ही अशरफ गनी की सरकार गिर गई थी। बाद में गनी को देश छोड़कर भागना पड़ा था। वहीं बाद में अमेरिकी सेनाओं ने भी 30 अगस्त तक अफगानिस्तान छोड़ दिया था।