पाकिस्तान को ‘ग्रे लिस्ट’ में ही रखेगा FATF, आतंक पर चौतरफा घिरा पड़ोसी देश

By भाषा | Published: October 7, 2019 06:17 PM2019-10-07T18:17:31+5:302019-10-07T18:18:04+5:30

‘ग्रे लिस्ट’ में पाकिस्तान को बरकरार या बाहर रखने पर फैसले को लेकर होने वाली एफएटीएफ की महत्वपूर्ण पूर्ण बैठक से दस दिन पहले शनिवार को एपीजी ने 228 पन्नों वाली यह बहुप्रतीक्षित ‘परस्पर मूल्यांकन रिपोर्ट’ जारी की है। पाकिस्तान को पिछले साल जून में ग्रे लिस्ट में रखा गया था और उसे एक कार्ययोजना दी गई थी जिसे उसे अक्टूबर 2019 तक पूरा करना था।

FATF will keep Pakistan in 'gray list', neighboring country surrounded by terror all round | पाकिस्तान को ‘ग्रे लिस्ट’ में ही रखेगा FATF, आतंक पर चौतरफा घिरा पड़ोसी देश

पाकिस्तानी अधिकारियों ने जोर देकर कहा था कि उन्होंने पिछले साल इस दिशा में अच्छी प्रगति की है।

Highlightsऐसा नहीं करने पर उसे ईरान और उत्तर कोरिया की तरह काली सूची में डाले जाने की बात कही गई थी। पाकिस्तान द्वारा एपीजी को इस दिशा में प्रगति दिखाने की अंतिम तारीख अक्टूबर 2018 थी।

आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में पाकिस्तान का नाम एफएटीएफ के ‘ग्रे लिस्ट’ में ही बनाए रखने की संभावना है।

ऐसा इसलिए कि एशिया पैसेफिक ग्रुप (एपीजी) की एक रिपोर्ट के मुताबिक वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को ‘ग्रे लिस्ट’ में शामिल करते वक्त जो 40 अनुशंसाएं की थी उनमें से उसने सिर्फ एक का पालन किया है।

‘ग्रे लिस्ट’ में पाकिस्तान को बरकरार या बाहर रखने पर फैसले को लेकर होने वाली एफएटीएफ की महत्वपूर्ण पूर्ण बैठक से दस दिन पहले शनिवार को एपीजी ने 228 पन्नों वाली यह बहुप्रतीक्षित ‘परस्पर मूल्यांकन रिपोर्ट’ जारी की है। पाकिस्तान को पिछले साल जून में ग्रे लिस्ट में रखा गया था और उसे एक कार्ययोजना दी गई थी जिसे उसे अक्टूबर 2019 तक पूरा करना था।

ऐसा नहीं करने पर उसे ईरान और उत्तर कोरिया की तरह काली सूची में डाले जाने की बात कही गई थी। पाकिस्तान द्वारा एपीजी को इस दिशा में प्रगति दिखाने की अंतिम तारीख अक्टूबर 2018 थी और पाकिस्तानी अधिकारियों ने जोर देकर कहा था कि उन्होंने पिछले साल इस दिशा में अच्छी प्रगति की है।

‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ अखबार की खबर में कहा गया है कि रिपोर्ट के मुताबिक, धनशोधन और आतंकियों के वित्तपोषण पर लगाम लगाने से संबंधित एफएटीएफ की 40 अनुशंसाओं में से पाकिस्तान ने पूरी तरह से सिर्फ एक का अनुपालन किया है।

रिपोर्ट में कहा गया कि नौ पर उसने काफी हद तक काम किया जबकि 26 अनुशंसाओं पर आंशिक रूप से काम हुआ और चार सिफारिशों पर कोई काम नहीं किया गया। रिपोर्ट में कहा गया कि पाकिस्तान में धन शोधन और आतंक के वित्तपोषण का काफी जोखिम है और उसे इन जोखिमों को लेकर अपनी समझ में सुधार करना होगा। ये जोखिम देश में संचालित विभिन्न आतंकी संगठनों से भी है।

एपीजी रिपोर्ट के मुताबिक, “एपीजी रिपोर्ट के बाद इस बात की काफी संभावना है कि पेरिस में 13 से 18 अक्टूबर के बीच होने वाली एफएटीएफ की पूर्ण बैठक के दौरान पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में ही बरकरार रखा जाए।” रिपोर्ट में कहा गया, “इन विरोधी बातों के सामने आने के बाद एपीजी ने पहले ही पाकिस्तान को अपनी ‘एक्स्पिडाइट एनहांस फॉलो-अप रिपोर्टिंग’ सूची में रखने का फैसला किया है।”

रिपोर्ट पाकिस्तान के इस आकलन से भी संतुष्ट नहीं है कि वहां धन शोधन और आतंक के वित्तपोषण का “मध्यम” जोखिम है। पाकिस्तान ने अपनी राष्ट्रीय जोखिम आकलन रिपोर्ट में यह नहीं माना था कि आतंकवाद को वित्त पोषण और समर्थन का बड़ा जोखिम है। 

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