ब्रातिस्लावा: रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर यूरोप के दौरे पर स्लोवाकिया पहुंचे। जहां उन्होंने एक बार फिर से यूरोप को आईना दिखाने का काम किया है। एक कार्यक्रम के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि यूरोप एशिया की समस्याओं पर शांत बैठा है। उन्होंने कहा कि भारत और चीन के संबंध तनावपूर्ण दौर में हैं और ये यूक्रेन युद्द से कई साल पहले से चले आ रहे हैं। लेकिन यूरोप इसपर कुछ नहीं बोला।
जयशंकर ने एक सवाल का तीखे लहजे में जवाब देते हुए कहा कि यूरोप को इस मानसिकता से बाहर निकलना होगा कि उसकी समस्याएं दुनिया की समस्याएं हैं, लेकिन दुनिया की समस्याएं यूरोप की समस्याएं नहीं हैं। आज चीन और भारत के बीच के संबंध को देखा जा रहा है और यूक्रेन में क्या हो रहा है?
जयशंकर ने कहा कि चीन और भारत के बीच का विवाद यूक्रेन से बहुत पहले चला रहा है। उन्होंने कहा कि यूरोप के बाहर बहुत सी चीजें हो रही हैं। दुनिया बदल रही है और नए खिलाड़ी आ रहे हैं। दुनिया यूरो केंद्रीत नहीं रह सकती है। जयशंकर ने कहा कि हमारे चीन के साथ संबंध बुरे दौर में हैं लेकिन हम इसे संभालने में पूरी तरह से सक्षम हैं।
वहीं गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध को लेकर भारतीय विदेश मंत्री ने अमेरिका और यूरोप की पोल खोल दी। एस जयशंकर ने कहा, भारत ने इस साल अब तक 23 देशों को गेहूं का निर्यात किया है। इस दौरान उन्होंने अमेरिका और यूरोप से ही सवाल करते हुए पूछा कि क्यों अमेरिका, यूरोपीय देश ईरान के तेल को बाजार में नहीं आने दे रहे हैं, वे क्यों वेनेजुएला को बाजार में अपना तेल नहीं बेचने दे रहे हैं?