ट्रंप ने पुतिन से मजाकिया अंदाज में कहा, ‘‘कृपया, चुनाव में हस्तक्षेप मत करना’’
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 28, 2019 01:33 PM2019-06-28T13:33:36+5:302019-06-28T13:33:36+5:30
अमेरिका के वर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर यह आरोप लगा था कि उन्होंने रूस की मदद से चुनाव जीता था। चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप की टीम रूस के संपर्क में थी। हालांकि ट्रंप इन आरोपों से हमेशा से ही इनकार करते रहे हैं। उनका कहना है कि 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में कोई रूसी हस्तक्षेप नहीं था।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प जी-20 शिखर सम्मेलन में लंबे समय बाद अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करते समय कुछ मजाकिया अंदाज में नजर आए। साल 2016 में हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में बड़े पैमाने पर रूसी हस्तक्षेप के ठोस सबूत मिलने के बाद दोनों की यह पहली मुलाकात है।
रूस को अगले चुनाव में हस्तक्षेप न करने को लेकर आगाह करने के सवाल पर ट्रम्प ने मुस्कुराते हुए कहा, कृपया, चुनाव में हस्तक्षेप मत करना। हेल्सिंकी में करीब एक साल पहले दोनों नेताओं के बीच आखिरी मुलाकात हुई थी। दोनों नेता संवाददाताओं को उन मुद्दों पर संक्षिप्त जानकारी दे रहे थे जिस पर वह चर्चा करने जा रहे हैं, तभी एक पत्रकार ने तेज आवाज में पूछा क्या राष्ट्रपति (ट्रम्प), पुतिन से 2020 चुनाव में ‘‘हस्तक्षेप नहीं करने को कहेंगे।’’ ट्रंप ने ने इसके जवाब में कहा, बिल्कुल मैं कहूंगा। उन्होंने मजाकिया अंदाज में दोहराया ‘‘कृपया, चुनाव में हस्तक्षेप मत करना।’’
जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बैठक के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूसी नेता के साथ अपने रिश्ते को 'बहुत अच्छा' बताया। ट्रंप ने कहा, राष्ट्रपति पुतिन के साथ होना बहुत सम्मान की बात है।
अमेरिका के राष्ट्रपति ने कहा, हमारे संबंध बहुत, बहुत अच्छे हैं। रूस के साथ ट्रंप के संबंध और दोनों के बीच 2018 में हेलसिंकी में हुई बैठक के बाद पैदा हुए विवाद की पृष्ठभूमि में दुनिया की दो प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के नेताओं की बैठक को काफी अहम माना जा रहा है।
बता दें कि अमेरिका के वर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर यह आरोप लगा कि उन्होंने रूस की मदद से चुनाव जीता था। चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप की टीम रूस के संपर्क में थी। हालांकि ट्रंप इन आरोपों से हमेशा से ही इनकार करते रहे हैं। उनका कहना है कि 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में कोई रूसी हस्तक्षेप नहीं था। इस अभियान में हैकिंग तो केवल एक हिस्सा था, इसके अलावा इसमें प्रोपेगैंडा, दुष्प्रचार और फर्जी खबरों के भी शामिल होने की बात कही गई।
(एजेंसी इनपुट)