अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कश्मीर मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की पेशकश की है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान से व्हाइट हाउस में ट्रंप से पहली बार मुलाकात की। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से व्हाइट हाउस में मुलाकात की। मुलाकात में इमरान खान ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सामने कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता की पेशकश की है। ट्रंप ने कहा कि यदि दोनों देश कहेंगे तो वह मदद के लिए तैयार हैं। ट्रंप ने ओवल ऑफिस में कहा, ‘‘यदि मैं मदद कर सकता हूं, तो मैं एक मध्यस्थ होना पसंद करूंगा।’’
ट्रंप से बातचीत के दौरान पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने कश्मीर का मुद्दा उठाया है। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कश्मीर मुद्दे पर मदद करने के लिए कहा है। ट्रंप ने कहा, अगर मैं इस विवाद को सुलझाने में मदद कर सकता हूं तो मैं मदद करना चाहूंगा।
खान ने ट्रंप के बयान का स्वागत किया और कहा कि यदि अमेरिका सहमत है, तो एक अरब से अधिक लोगों की प्रार्थना उनके साथ होगी। भारत का कहना है कि कश्मीर मुद्दा एक द्विपक्षीय मुद्दा है और इसमें तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं है। भारत जनवरी 2016 में पठानकोट में भारतीय वायुसेना के अड्डे पर पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा हमले के बाद से पाकिस्तान के साथ कोई बातचीत नहीं कर रहा है। भारत का कहना है कि आतंकवाद और वार्ता साथ साथ नहीं चल सकते।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड और इमरान खान के इस मुलाकात पर भारत समेत दुनिया भर की नजरें हैं। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भी बातचीत के दौरान मौजूद रहे। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अमेरिका के साथ संबंधों में सुधार के मकसद के साथ राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से वार्ता की है। पाकिस्तान और अमेरिका के संबंध तब से प्रभावित हुए जब ट्रंप ने सार्वजनिक तौर पर पाकिस्तान की आलोचना की, उसे दी जाने वाली सैन्य सहायता रोक दी तथा उसे आतंकवाद से लड़ने के लिए और अधिक प्रयास करने को कहा।