पाकिस्तान धोखेबाज और झूठा, 15 साल में 33 अरब डॉलर की मदद थी अमेरिका की बेवकूफी: डोनाल्ड ट्रंप
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: January 2, 2018 12:31 IST2018-01-01T18:37:30+5:302018-01-02T12:31:09+5:30
पाकिस्तान ने कहा है कि वो जल्द ही डोनाल्ड ट्रंप के ट्वीट का जवाब देगा।

पाकिस्तान धोखेबाज और झूठा, 15 साल में 33 अरब डॉलर की मदद थी अमेरिका की बेवकूफी: डोनाल्ड ट्रंप
अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार (एक जनवरी) को पाकिस्तान को झूठा और धोखेबाज बताया। ट्रंप ने सोमवार देर शाम ट्वीट किया, "अमेरिका बेवकूफी करते हुए पाकिस्तान को पिछले 15 सालों में 33 अरब डॉलर से ज्यादा की आर्थिक मदद दे चुका है। बदले में उसे झूठ और धोखे के सिवा कुछ नहीं मिला। पाकिस्तान हमारे नेताओं को बेवकूफ समझता है। हम जिन आतंकवादियों को अफगानिस्तान में खोज रहे थे उन्हें पाकिस्तान ने पनाह दे रखी थी। अब और नहीं!" ट्रंप के बयान से साफ हो गया कि अमेरिका पाकिस्तान को दी जाने वाली 25.5 करोड़ डॉलर (करीब 1600 करोड़ रुपये) की मदद नहीं देगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति के ट्वीट के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि पाकिस्तान जल्द ही ट्रंप के ट्वीट का जवाब देगा। आसिफ ने ट्वीट किया, "हम राष्ट्रपति ट्रंप के ट्वीट का जल्द जवाब देंगे, इंशाअल्लाह...दुनिया को हम सच बताएंगे...हकीकत और अफसाने के बीच फर्क बताएंगे... "
हाल ही में अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट की थी कि अमेरिकी सरकार पाकिस्तान को दिए जाने वाले 25.5 करोड़ डॉलर (करीब 1600 करोड़ रुपये) की आर्थिक मदद को रोक सकती है। रिपोर्ट में दावा किया था कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाले प्रशासन में इस बात पर चर्चा हो रही है कि वैश्विक-आतंकवाद पर मदद न करने की वजह से पाकिस्तान को दी जाने वाली ये मदद रोक दी जाए। रिपोर्ट में कहा गया था कि राष्ट्रपति ट्रंप और अन्य अधिकारी पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद पर रोकथाम के लिए किए गये प्रयासों से असंतुष्ट हैं। सोमवार को राष्ट्रपति ट्रंप के ट्वीट से न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट की पुष्टि हो गयी।
रिपोर्ट के अनुसार ट्रंप प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस महीने पाकिस्तान को आर्थिक मदद देने पर महत्वपूर्ण बैठक की थी। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दोनों देशों के संबंध मधुर नहीं रह गये हैं, खासकर राष्ट्रपति ट्रंप के उस बयान के बाद जिसमें उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान "आतंकवादियों, हिंसा और अव्यवस्था को पनाह दे रहा है।"

हाल ही में अमेरिका के उप-राष्ट्रपति माइक पेंस ने अफगानिस्तान दौरे में कहा था कि ट्रंप प्रशासन ने पाकिस्तान को नोटिस पर रखा हुआ है। गुरुवार (28 दिसंबर) को पाकिस्तानी सेना ने अमेरिका को आतंकवादी संगठनों के बारे में कोई एकतरफा फैसला लेने के प्रति आगाह किया। लश्कर-ए-तैयबा जमात-उद-दावा, तालिबान, हक्कानी नेटवर्क समेत कई अन्य आतंकवादी समूहों के पाकिस्तान में रहकर दुनिया भर में आतंकी कार्रवाइयों को अंजाम देने के आरोप लगते रहे हैं।